नोएडा: नोएडा से सवारियां भरकर सिवान (बिहार) जा रही प्राइवेट एसी स्लीपर बस में सेक्टर-96 के पास आग लग गई। देखते ही देखते बस पूरी तरह से आग की लपटों में घिर गई। हादसे में बस में सवार सभी 60 लोग बाल बाल बच गए, लेकिन कई लोगों का कीमती सामान जल गया। बस से निकलने के दौरान कुछ लोगों को चोट लगी। उन्हें मौके पर ही इलाज दिया गया।
आग बुझने के बाद लोग राख से अपने कीमती सामान तलाशते नजर आएं। बस सवार अधिकतर लोग छठ पर्व पर अपने गांव जा रहे थे। इस हादसे के कुछ देर बाद ही परी चौक के पास नोएडा से आगरा जा रही प्राइवेट बस में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। बस में 20 लोग सवार थे। सभी सुरक्षित बच गए। बात दें कि इससे पहले 10 नवंबर को गुड़गांव से यूपी के हमीरपुर जा रही यात्री में भी आग लग गई थी। हादसे में दो बच्चियों और दो महिलाओं समेत चार लोगों की मौत हो गई थी।
सेक्टर 37 से 2:45 पर स्लीपर बस चली थी। करीब 15 मिनट बाद ही नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-96 के पास बस में आगे की ओर से धुआं निकलने लगा। देखते ही देखते धुआं बस में भर गया। इससे सवारियों का दम घुटने लगा।आग की सूचना मिलने पर फायर विभाग की तीन गाडियां मौके पर पहुंचीं। बस में फंसे लोगों को सबसे पहले बाहर निकाला। सभी सवारियां सुरक्षित हैं। सवारियों का सामान बस के साथ जल चुका है। एक व्यक्ति को घटना में चोट लगी है।
जान बचाने के लिए बस का शीशे तोड़कर लोग बाहर की ओर कूदने लगे। सभी सवारियां सुरक्षित बाहर निकलते ही बस में आग फैल गई। सवारियों को बस में रखा अपना सामान निकालने तक वक्त नहीं मिला। कई लोगों का सारा सामान जल गया। फायर विभाग की तीन गाडियों ने आग पर काबू पाया। आग बुझने के बाद लोग जली हुई बस में अपने कीमती सामान खोजने लगे, लेकिन अधिकतर को निराशा हाथ लगी। इसके बाद लोग घर जाने के लिए दूसरी बस का इंतजार करते रहे। इंतजाम नहीं होने पर लोग वापस अपने घर लौट गए।
सामान जल जाने से लोगों के आंखों में आंसू थे। आग बुझी तो लोगों ने सबसे पहले अपने सामान की तलाशी की। कई महिलाओं की जूलरी भी जल गई। सामान जल जाने का दुख सवारियों की आंखों में भी नजर आया। अपनी बात बताते हुए लोग भावुक हो गए। ट्रांसपोर्टर ने भी सवारियों को घर पहुंचाने के लिए दूसरी बस का इंतजाम नहीं किया। घंटों तक लोग अपने परिवार और आग से बचे सामान के साथ सड़क किनारे बैठे रहे। दूसरी बस का इंतजाम नहीं होने पर लोग नोएडा स्थिति अपने ठिकाने पर वापस लौट आए।
मेरे बैग में तीन लाख रुपये के गहने थे। बस में आग लगने पर यह बैग अंदर छूट गया। आग बुझने पर जूलरी और कीमती सामान नहीं मिला। एक साल बाद घर जा रहे थे। सब बर्बाद हो गया। अब कैसे घर जाएंगे पता नहीं।
कुमकुम, सवारी
नौकरी के लिए 26 को दुबई जाना है। मेडिकल के लिए दिल्ली आया था। बैग में आईडी कार्ड, पासपोर्ट और पैसे थे जो जल गए। बिना पासपोर्ट के दुबई जाना भी नहीं हो पाएगा। घर जाने के लिए भी रुपये नहीं हैं।
-सुमित, सवारी
सालभर बाद छठ पर घर जा रहा था। बच्चों और परिवार के लिए कपड़े खरीदे थे। एक बैग में मेरा खुद का सामान रखा था। आग लगने से दोनों बैग जल गए। अब घर नहीं जा पाऊंगा। वापस अपने कमरे पर लौट रहा हूं।
-राजेंद्र यादव, सवारी
यहां पर मजदूरी करता हूं। जो पैसे बचाए थे उसकी से घर जाने के लिए टिकट लिया था। टिकट मेरे पास है, लेकिन जाने के लिए बस का इंतजाम नहीं है। पुलिस ने घर पहुंचाने की बात कही है लेकिन अब सुनवाई नहीं हो रही।
-अमदेश्वर सिंह, सवारी
नोएडा से बिहार जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस नाम की बस में सवारियों ने बैठ कर सफर करने के लिए 2200 रुपये और स्लीपर के लिए 2600 रुपये का टिकट लिया था। घटना के बाद लोगों को न तो किराये का पैसा वापस किया गया और न ही दूसरी बस से आगे के लिए भेजा गया।