देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर में भारी बारिश का येलो अलर्ट

देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में आज तेज दौर की बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर जिले के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।

चमोली, पिथौरागढ़, पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग और चंपावत में भी बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार तीन जिलों में भारी बारिश के साथ ही अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं गर्जन और बिजली चमकने के साथ मध्यम बारिश हो सकती है।

रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक 7 घंटे रायपुर, मालदेवता, जाखन, बिधौली और सहस्त्रधारा क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हुई। इससे तापमान में भी चार डिग्री सेल्सियस की कमी रिकॉर्ड की गई। देहरादून का अधिकतम तापमान 29.9 और न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

उत्तराखंड में इन दिनों बारिश का क्रम कुछ धीमा पड़ गया है लेकिन एक या दो दौर की बारिश भी नुकसान पहुंचा रही है। बारिश नहीं होने के कारण जहां गर्मी से लोग परेशान हो रहे हैं। वहीं बारिश होने पर मैदानी क्षेत्रों में जल भराव और पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन जैसी आपदा से लोग जूझ रहे हैं।

सोमवार को बारिश के पानी ने देहरादून के कुछ हिस्सों में एक बार फिर तबाही का मंजर बना दिया। रविवार रात से हो रही हुई बारिश से कई जगहों पर जल भराव हुआ। नगर निगम क्षेत्र के लोअर नेहरू ग्राम के गणेश एनक्लेव में भारी बारिश के कारण एक बार फिर पानी भर गया। इसी तरह से सृष्टि विहार, बंजारा वाला में भी जल भराव हुआ और सड़के जलमग्न हो गईं। प्रिंस चौक, घंटाघर, रेलवे स्टेशन रोड, हरिद्वार बायपास सहित कई जगह पर सडकें जल भराव की वजह से लोगों के लिए मुसीबत का कारण बनी।

मसूरी में भारी बारिश से निर्माणाधीन पुस्ता ढह गया। इस पुस्ते के ढहने से साथ में स्थित सावित्री होमस्टे की दीवारों पर भी दरारें आ गई हैं। केदारनाथ और गौरीकुंड हाईवे पर बारिश के चलते भूस्खल जोन सक्रिय हैं। यहां अलग-अलग स्थान पर सोमवार को लगभग 400 यात्री फंस गए थे। जिन्हें एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने सकुशल रेस्क्यू कर सोनप्रयाग पहुंचा।

रविवार देर रात से हो रही बारिश से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर तबाही दिखाई दी। यहां सोन प्रयाग से गौरीकुंड के बीच मूनकटिया और गौरीकुंड केदारनाथ पैदल मार्ग पर चीरबासा, जंगल चट्टी, भीमबली, राम बड़ा और लिनचोली में भूस्खलन होने से रास्ता बंद हो गया। इसकी वजह से केदारनाथ से सोनप्रयाग के लिए निकले 400 यात्री रास्ते में ही फंस गए।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार के अनुसार मौसम को देखते हुए किसी भी यात्री को पैदल मार्ग से नीचे नहीं भेजने के लिए कहा गया था लेकिन फिर भी 400 यात्री धाम से सोनप्रयाग के लिए निकल गए। यात्रियों की फंसने की सूचना पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने यात्रियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। सोनप्रयाग से किसी भी यात्री को केदारनाथ नहीं भेजा गया।

वहीं भारी बारिश के चलते केदार घाटी में कोहरा छाने के कारण हेलीकॉप्टर सेवा भी ठप रही। मंगलवार को मौसम ठीक होने पर ही पैदल यात्रा शुरू की जाएगी। बारिश के चलते बद्रीनाथ हाईवे पागल नाला, पातालगंगा चिका और नंदप्रयाग सहित कई अन्य जगहों पर मलबा आने से बंद हो गया था।

जिसकी वजह से सोमवार को बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जाने वाले लगभग 2000 यात्री जगह-जगह फंसे रहे। कर्णप्रयाग, थराली और देवल में कई जगह सड़कें बंद होने के कारण वाहनों की आवाजाही भी ठप हो गई। थराली देवाल सड़क को 11 घंटे बाद खोला गया जबकि सिमली-ग्वालदम-अल्मोड़ा हाईवे सुनला में 8 घंटे बंद रहा।

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