अमेरिका:अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ वॉर छेड़ रखा है. ट्रंप सरकार ने कनाडा और मैक्सिको के साथ ही चीन पर भी अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. वॉशिंगटन के इस कदम से चीन आगबबूला हो गया है. अमेरिका ने चीन से इंपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट्स टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिसके बाद अब बीजिंग की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की गई है. चीन भी अब अमेरिका से इंपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट पर 10 से 15 फीसद तक का टैरिफ लगाने जा रहा है.
इससे अब दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच खुल्लम खुल्ला ट्रेड वॉर शुरू हो गया है. इसके साथ ही ड्रैगन ने ट्रंप सरकार को खुले तौर पर युद्ध की भी धमकी दे डाली है. चीन का कहना है कि अगर अमेरिका युद्ध चाहता है (चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या कोई और युद्ध) तो हम अंत तक लड़ने के लिए तैयार हैं. चीन के कदम के बाद अब हालात के और भी खराब होने के आसार हैं.
दरअसल, अमेरिका में ट्रंप सरकार बनने के बाद से ही चीन से इंपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट पर टैरिफ लगाने की बात कही जा रही थी. डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भी इसका उल्लेख कर चुके थे. सत्ता में आने के बाद चीन के खिलाफ कदम भी उठाया गया. इसके बाद चीन ने भी इसका जवाब दिया है.
बीजिंग की तरफ से अमेरिका से इंपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट पर 15 फीसद तक टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. चीन की ओर से आगे कहा गया कि अगर अमेरिका युद्ध चाहता है तो हम अंत तक लड़ने के लिए तैयार हैं. शी जिनपिंग की चीन की ओर से उठाए गए इस कदम का दुनिया के अन्य देशों पर भी असर पड़ने की आशंका है.
बीजिंग की ओर से अमेरिका के कदम का जवाब दिया गया है. चीन का कहना है कि फेंटानाइल मुद्दा चीनी आयात पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ाने का एक कमजोर बहाना है. हमारे अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए हमारी जवाबी कार्रवाई पूरी तरह वैलिड और आवश्यक है.
चीन ने कहा, ‘अमेरिका में फेंटानाइल के लिए कोई और नहीं, बल्कि खुद अमेरिका जिम्मेदार है. मानवीय भावना और अमेरिकी जनता के प्रति सद्भावना के तहत हमने इस मुद्दे से निपटने में अमेरिका की सहायता के लिए ठोस कदम उठाए हैं, लेकिन हमारे प्रयासों को स्वीकार करने के बजाय अमेरिका ने चीन को बदनाम करने और दोषारोपण करने की कोशिश की है.’
ड्रैगन का कहना है कि अब टैरिफ बढ़ाकर चीन पर दबाव डालने और ब्लैकमेल करने की कोशिश की जा रही है. चीन ने कहा कि अमेरिका ने हमारी मदद के बदले हमें दंडित किया गया. यह अमेरिका की समस्या का समाधान नहीं करेगा, बल्कि ड्रग कंट्रोल के हमारे प्रयासों और सहयोग को कमजोर करेगा.
चीन आगे कहा कि वह धमकियों से नहीं डरता है. शी जिनपिंग की सरकार ने कहा, ‘दबाव और धौंस हम पर काम नहीं करती है. चीन से निपटने का सही तरीका न तो दबाव है, न जबरदस्ती और न ही धमकी. जो कोई भी चीन पर अधिकतम दबाव डालने की कोशिश कर रहा है, वह गलत व्यक्ति को निशाना बना रहा है और भारी भूल कर रहा है. यदि अमेरिका वास्तव में फेंटानाइल समस्या को हल करना चाहता है, तो उसे चीन के साथ बराबरी के आधार पर बातचीत करनी चाहिए.’