रियाद: सऊदी अरब के राजपरिवार की कहानियां ऐसी हैं, जो अक्सर लोगों में दिलचस्पी पैदा करती हैं। लोग अभी भी शाही परिवारों के असाधारण जीवन से मोहित होते रहते हैं। चाहे वह ब्रिटेन के शाही परिवार हों या सऊदी अरब के शाही परिवार, वे आज भी लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं।
उनका जीवन अक्सर विलासिता और विशेषाधिकारों से भरा हुआ लगता है, फिर भी उनके महलों की सोने की दीवारों के पीछे कुछ शाही कहानियां कई बार अकल्पनीय दुख में लिखी गई होती हैं। उनमें से सबसे दिल दहला देने वाली कहानी सऊदी अरब के राजकुमार अल-वालिद बिन खालिद बिन तलाल की है, जिन्हें अब ‘स्लीपिंग प्रिंस’ के नाम से जाना जाता है।
प्रिंस अल-वालिद ने 18 अप्रैल 2025 को अपना 36वां जन्मदिन मनाया हैं। लेकिन उनके बारे में कई सालों से कोई जानकारी नहीं है। लेकिन वो ‘स्लीपिंग प्रिंस’ के नाम से मशहूर हैं। आखिर क्यों? ऐसा क्या हुआ है कि पिछले 20 सालों से वे कोमा में फंसे हुए हैं?
दरअसल एक खतरनाक हादसे ने प्रिंस अल-वालिद के जीवन को अंधेरे में धकेल दिया। साल 2005 में भीषण सड़क दुर्घटना के शिकार हुए थे और उसके बाद से पिछले 20 सालों से वो कोमा में हैं। जब उनका एक्सीडेंट हुआ था, उस वक्त वो एक सैन्य कॉलेज में पढ़ाई करते थे।
प्रिंस अल-वलीद, सऊदी अरब के संस्थापक किंग अब्दुलअज़ीज़ के परपोते हैं। उनके पिता, प्रिंस खालिद बिन तलाल, किंग अब्दुलअज़ीज़ के बेटे प्रिंस तलाल बिन अब्दुलअज़ीज़ के पुत्र हैं। इस तरह से, प्रिंस अल-वलीद का संबंध सऊदी अरब के शाही परिवार से है, हालांकि वे वर्तमान राजा के सीधे उत्तराधिकारी नहीं हैं। अब उनका जीवन कोमा के अंधेरे में बीत रहा है।
वो रियाद के किंग अब्दुलअजीज मेडिकल सिटी में लेटे हुए हैं, जहां उनकी देखभाल की जाती है। उनका जीवन मशीनों के जरिए पिछले 20 सालों से सुरक्षित रखा गया है। रोया न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक प्रिंस अल-वलीद पिछले 20 वर्षों से वेंटिलेटर पर हैं और उन्हें फीडिंग ट्यूब के जरिए भोजन दिया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक “राजकुमार लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं और मैकेनिकल वेंटिलेशन और फीडिंग ट्यूब पर निर्भर हैं।
आखिरी बार 2019 में उनके शरीर में कुछ हरकतें दर्ज की गई थीं, जब उन्होंने कथित तौर पर छोटे इशारों में कुछ बात करने की कोशिश की थी। उस दौरान उन्होंने उंगली उठाया था और अपने सिर को थोड़ा हिलाया था। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ये उनके होश में आने का संकेत नहीं था। हालांकि उस दौरान उनके परिवार को फिर से उनके कोमा से लौटने की उम्मीद बंधी।
उनके होश में आने का इंतजार आज भी चल रहा है। एक बार डॉक्टरों ने लाइफ सपोर्ट बंद करने की सलाह दी थी तो उनके पिता प्रिंस खालिद बिन तलाल अल सऊद सहमत नहीं हुए और इसके बजाय अपने प्यारे बेटे की ज़िंदगी के लिए लड़ने का फैसला किया। उनके पिता ने कहा था, “अगर भगवान चाहते कि वह दुर्घटना में मर जाए, तो वह अभी अपनी कब्र में होता।”