देहरादून:चारधाम यात्रा का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। शुरुआत के 15 दिनों में 10 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्रियों के पहुंचने की संभावनाओं के बीच सरकार ने सभी राज्यों के वीआईपी, वीवीआईपी को दर्शन के लिए न आने का अनुरोध किया है। उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी चुनावी व्यस्तता के बीच यात्रा तैयारियों की मॉनिटरिंग में जुटे हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय और सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे के साथ बैठक में चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा की। इसके बाद सभी राज्यों को एक पत्र भेजा। इसमें कहा गया है कि 10 से 25 मई के बीच चारों धाम में 10 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों के पहुंचने की संभावना है। पूरी सरकारी मशीनरी इसकी तैयारी में जुटी है। लिहाजा, सभी राज्यों से अनुरोध किया गया है कि 15 दिन की इस अवधि में उनके वीआईपी या वीवीआईपी दर्शन के लिए न आएं।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस आशय का पत्र भेजा गया है। विशेषकर केदारनाथ में वीवीआईपी दर्शनों को टालने की कोशिश की जा रही है ताकि बाकी तीर्थ यात्रियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। इस संबंध में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भी सूचित किया जा रहा है। कमिश्नर पांडेय ने कहा कि हेली सेवाओं में किसी तरह की कालाबाजारी व ठगी को रोकने के लिए इस बार केवल आईआरसीटीसी की ऑफिशियल वेबसाइट से ही टिकट बुकिंग की जा रही है।
गढ़वाल कमिश्नर पांडेय ने बताया कि इस बार गत वर्ष की तुलना में हर प्रकार से श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई है। गत वर्ष केदारनाथ में जहां कुल नौ पार्किंग का संचालन किया जा रहा था तो उस बार कुल 20 स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यहां 1495 वाहनों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। पहली बार वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए एप बनाई गई है।
यात्रा मार्ग पर सफाई व्यवस्था को लेकर भी बेहतर इंतजाम किए गए हैं। गत वर्ष जहां 617 सफाई कर्मियों को इस कार्य में लगाया गया था तो इस बार कुल 700 कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। यात्रा रूट में पहली बार चार नए हाई टेक मॉड्यूलर शौचालय एवं चार नए मोबाइल मॉड्यूलर शौचालय की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त एक रोड स्वीपिंग मशीन भी सफाई कार्य में लगाई जाएगी।
इस बार यात्रा रूट पर चलने वाले सभी 4000 घोड़े-खच्चरों की निगरानी भी प्रशासन के स्तर से की जाएगी। गत वर्ष तक आंशिक रूप से मॉनिटरिंग का कार्य किया जाता था। हॉकर्स के लिए पहली बार पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, स्वास्थ्य जांच के साथ ही 30 टन क्षमता का वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट सोनप्रयाग में बनाने के साथ ही डंपिंग ग्राउंड की व्यवस्था की गई है। इस बार रोस्टर प्रणाली के संचालन की भी व्यवस्था की जा रही है। इस बार घोड़े-खच्चरों के लिए 24 घंटे संचालित कुल 15 पानी की चरी संचालित की जाएंगी।
इसके अलावा, घोड़े-खच्चरों के साथ चलने वालों के लिए 197 लोगों की क्षमता की दो डोरमेट्री की व्यवस्था की गई है।सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सड़क मार्ग को गत वर्ष की तुलना में और भी बेहतर कर दिया गया है। अधिकांश स्थानों पर 5 से 8 मीटर तक सड़क का चौड़ीकरण किया गया है।
स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत पांच एंबुलेंस के साथ ही पहली बार तीन गोल्फ कार्ट तैनात की जा रही है। गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि ऐसा पहली बार किया जा रहा है कि स्थानीय व्यवस्थाओं को न छेड़ते हुए सभी चिकित्सकों की व्यवस्था इससे इतर की जा रही है।
ताकि स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से परेशानी न झेलनी पड़े। वहीं, लगभग 18 स्थानों पर स्वास्थ्य जांच केंद्र संचालित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यात्रा पर आने से पहले लोगों को चाहिए कि वे अपनी स्वास्थ्य जांच के बाद ही यात्रा पर आएं।