ब्रसेल्स:यूरोपीय संघ (ईयू) के चुनावों में धुर दक्षिणपंथी दलों को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने कई देशों की पारंपरिक सत्तारूढ़ ताकतों को बड़ा झटका दिया है, जिसमें फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी को भी करारी हार का सामना करना पड़ा। कुल 27 देशों वाले यूरोपीय संघ में सत्ता की चाबी दक्षिणपंथी दलों के हाथों में खिसकती दिख रही है। इस बीच, मैक्रों ने फ्रांस में मध्यावधि विधायी चुनाव की घोषणा कर दी है।
रविवार को संपन्न ईयू के चुनावों में सोमवार को भी मतपत्रों की गिनती जारी रही, लेकिन नतीजों से पता चला कि 27 देशों के ब्लॉक की साझा संसद स्पष्ट रूप से दक्षिणपंथियों की तरफ स्थानांतरित हो गई है। इटली की पीएम जियोर्जिया मेलनी ने संसद में अपनी पार्टी की सीटें दोगुनी से भी अधिक कर दीं।
जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ को भले ही अपने उम्मीदवारों से जुड़े घोटाले का सामना करना पड़ा हो लेकिन पार्टी ने देश के चांसलर ओलाफ शोल्ज की ‘सोशल डेमोक्रेट्स’ पार्टी को मात देने के लिए पर्याप्त सीट जुटा लीं।
ईयू के सबसे बड़े देश जर्मनी में ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ के कई शीर्ष उम्मीदवारों के नाम घोटालों में शामिल रहे लेकिन पार्टी का मत प्रतिशत 2019 में 11% के मुकाबले 16.5% हो गया। वहीं, जर्मनी के सत्तारूढ़ गठबंधन में 3 दलों का साझा मत प्रतिशत बमुश्किल 30% रहा। एजेंसी
धुर दक्षिणपंथ दलों से हार के खतरे को भांपते हुए यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेन की पार्टी ‘क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स’ ने चुनावों से पहले ही प्रवासन और जलवायु के मुद्दे पर और अधिक दक्षिणपंथी रुख अपना लिया था। इस कारण वह सफल रहीं।
मेलनी की ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी ने ईयू के चुनाव में इटली में 28.8 फीसदी वोट हासिल किए हैं। वो जिस गठबंधन में हैं उसमें शामिल फ्रोजा इटालिया पार्टी को 9.6 फीसदी व लेगा पार्टी को 9.1 फीसदी वोट मिले हैं। अब गठबंधन में मेलनी की स्थिति और मजबूत हुई है।
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने यूरोपीय संसद के लिए चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद नेशनल असेंबली भंग कर मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा कर दी है। राष्ट्रपति भवन के नाम संबोधन में मैक्रों ने कहा, मैंने संसदीय चुनाव कराने का फैसला किया है, इसलिए नेशनल असेंबली भंग कर रहा हूं।