उत्तरकाशी. कभी-कभी ऐसी घटनाएं घटती हैं, जब हमें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं होता. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद से एक दुर्लभ तस्वीर सामने आई है, जहां टकनौर रेंज के नटीण गांव के आसपास पिछले कुछ दिनों से एक मोर विचरण करता हुआ देखा जा रहा है. मोर एक ऐसा दुर्लभ पक्षी है, जिसे देखना हर किसी की आंखों को सुकून देता है. हालांकि यह पक्षी आमतौर पर 400 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही दिखाई देता है. कुछ दिन पूर्व ऐसा ही एक वाकया उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद के काफली गैर क्षेत्र में भी देखा गया था.
आजकल उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में मोर का दिखाई देना चर्चा का विषय बना हुआ है. बागेश्वर के बाद अब उत्तरकाशी जनपद में भी समुद्रतल से करीब 2000 मीटर की ऊंचाई पर मोर देखा गया है. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले तीन-चार दिनों से मोर आसपास के जंगल में लगातार दिखाई दे रहा है. मोर के दिखाई देने के बाद वन विभाग की टीम लगातार क्षेत्र में गश्त कर रही है. ग्रामीणों ने इसकी तस्वीरें कैमरे में कैद की हैं.
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में लगातार मोर को देखने के लिए गश्त की जा रही है लेकिन अभी तक उसे देखा नहीं गया है. हालांकि ग्रामीणों द्वारा खींची गई तस्वीर में वह मोर जैसा ही प्रतीत हो रहा है. तस्वीर देखकर यह बता पाना मुश्किल है कि यह मादा है या नर, लेकिन सोचने वाली बात यह है कि समुद्रतल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर मोर कहां से आया, क्योंकि मोर आमतौर पर इस तापमान पर नहीं रह पाता है.
वन्यजीव विशेषज्ञ इस बात की जांच कर रहे हैं कि मोर का इतनी ऊंचाई पर दिखना जलवायु परिवर्तन का संकेत है या फिर इसकी वजह कुछ और है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर एक मोर देखा गया है, तो संभव है कि उसके साथ अन्य मोर भी हों. वन्यजीवों का प्रवास आमतौर पर समूह में होता है और अगर कैमरे में अन्य मोर दिखाई देते हैं, तो यह स्थिति और स्पष्ट हो सकेगी.