कीव: रूस और यूक्रेन के बीच करीब 3 साल से जारी युद्ध लगातार तेज होता जा रहा है। यूक्रेन की सेना ने रूस को बड़ा झटका देते हुए सोमवार को एक ही दिन में 5 एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया। बताया जा रहा है कि यूक्रेन की सेना ने रूस के दो पेंटसिर S1 एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल और गन सिस्टम, एक ओएसए एयर डिफेंस सिस्टम और 2 एस 300 एयर डिफेंस सिस्टम को एक ही दिन में तबाह कर दिया।
इसकी कुल कीमत करीब 35 करोड़ डॉलर है। इससे पहले यूक्रेन सेना रूस के एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम को भी तबाह कर चुकी है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने से ठीक पहले दोनों के बीच जारी यह लड़ाई और तेज हो गई है।
यूक्रेन की सेना ने दावा किया कि यह उनके लिए बड़ी सफलता है। पेंटसिर S1 एंटी एयरक्राफ्ट सिस्टम का रूस ने यूक्रेन युद्ध में जमकर इस्तेमाल किया है। इस एक सिस्टम की कीमत करीब डेढ़ से दो करोड़ डॉलर है। इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है और कम दूरी तक फाइटर जेट, क्रूज मिसाइल और कई तरह के अन्य रॉकेट को मार गिराने में सक्षम है। इसकी मदद से दुश्मन के हमले को आसानी से विफल किया जा सकता है। रूस ने इस सिस्टम को महत्वपूर्ण ठिकानों जैसे केच्र ब्रिज की सुरक्षा करता है। यह ब्रिज रूस को क्रीमिया से जोड़ता है।
वहीं रूस के ओएसए एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल की कीमत भी करीब 1 करोड़ डॉलर है। वहीं एस 300 की बात करें तो इसकी एक सिस्टम की कीमत 15 करोड़ डॉलर है। यूक्रेन की नौसेना और रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन 5 एयर डिफेंस सिस्टम को एक ही दिन तबाह कर दिया गया है।
रूस इस समय एयर डिफेंस सिस्टम की कमी से जूझ रहा है। आलम यह है कि भारत को भी एस 400 सिस्टम की समय से आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। इस बीच रूस के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को दावा किया कि रूसी सैनिकों ने पूर्वी यूक्रेन में महीनों तक चली लड़ाई के बाद महत्वपूर्ण शहर कुराखोव पर कब्जा कर लिया है।
कुराखोव पूर्वी सीमा रेखा पर यूक्रेनी सेना के लिए एक महत्वपूर्ण गढ़ है। इसमें एक औद्योगिक क्षेत्र और एक ताप विद्युत संयंत्र है। यह पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन को जोड़ने वाले राजमार्ग पर स्थित है। रूस-यूक्रेन युद्ध के लगभग तीन साल पूरे होने के बीच रूस ने यह दावा किया है। हालांकि, इस दावे को लेकर कीव की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
एक दिन पहले ही रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि यूक्रेनी सेना ने रूस के कुर्स्क सीमा क्षेत्र में नया आक्रमण शुरू किया है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दो सप्ताह बाद शपथ लेने के मद्देनजर युद्ध में अनिश्चितता का एक नया तत्व आ गया है, तथा किसी भी संभावित शांति वार्ता से पहले युद्ध क्षेत्र में बढ़त बनाने के लिए दोनों पक्षों द्वारा प्रयास तेज हो गए हैं।