देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बच्चे इन दिनों हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (HFMD) के शिकार हो रहे हैं. दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाल रोग विभाग में इसके लक्षणों के साथ बच्चे पहुंच रहे हैं. इसमें बच्चों के हाथ, पैर और मुंह पर छाले जैसे पड़ते हैं, बच्चों को तेज बुखार होता है. इस बीमारी से ग्रसित बच्चे को 5 से 7 दिनों के लिए आइसोलेट किया जाना चाहिए क्योंकि यह एक बच्चे से दूसरे बच्चे में फैलने वाली बीमारी है.
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक कुमार ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा कि हैंड फुट एंड माउथ डिसीज बरसात के बाद से ज्यादातर बढ़ती है. इस बार डेंगू से राहत है लेकिन यह बीमारी बच्चों को शिकार बनाती नजर आ रही है.
बच्चों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी एक संक्रामक रोग है, जिसके चलते बच्चों में बुखार, हाथ-पैर और मुंह में फफोले और छाले पड़ रहे हैं, जिससे उन्हें खाना खाने में दिक्कत हो रही है. दून अस्पताल में हर रोज इस बीमारी से ग्रसित 4-5 बच्चे ओपीडी में पहुंच रहे हैं. यह बीमारी कॉक्ससैकी नामक एक वायरस से फैलती है.
डॉ अशोक कुमार ने आगे कहा कि पिछले साल की बात करें तो HFMD नाम की यह बीमारी 5 से 7 वर्ष के बच्चों में फैलती देखी गई थी, जबकि इस बार स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर 1 से 2 साल के बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं. जिन बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर है, वे इस संक्रामक रोग के शिकार हो रहे हैं.
उन्होंने इससे बचाव को लेकर कहा कि बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए पहली कोशिश करें कि साफ-सफाई का ध्यान रखा जाए. वहीं जितना हो सके दूषित वस्तुओं के संपर्क और दूषित खानपान से परहेज करें. इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल-सब्जियां बच्चों की डाइट में शामिल करें. बच्चे को अगर बुखार आ रहा है, तो उसे फौरन बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं.