चीन में बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा बांध

गुवाहाटी। अरुणाचल प्रदेश से भाजपा के लोकसभा सदस्य तापिर गाओ ने दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने की चीन की घोषणा पर मंगलवार को चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह बांध ‘वाटर बम’ के समान होगा, जो पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश जैसे निचले क्षेत्रों में जल प्रलय ला सकता है।

गुवाहाटी में आयोजित एक कार्यक्रम में गाओ ने कहा, चीन ने एक बांध बनाने का फैसला किया है जिसकी क्षमता 60,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की होगी। यह बांध नहीं, एक ‘वाटर बम’ होगा, जिसका इस्तेमाल भारत और अन्य निचले तटवर्ती देशों के खिलाफ किया जाएगा।गाओ ने कहा, अगर चीन भविष्य में बांध से पानी छोड़ने का फैसला करता है, तो अरुणाचल प्रदेश, असम, बांग्लादेश और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देश तबाह हो जाएंगे। भारत सरकार चीन से कूटनीतिक रूप से इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश कर रही है ताकि मामले को सुलझाया जा सके।

चीन ने पिछले साल 25 दिसंबर को तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो नदी पर 137 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत से दुनिया के सबसे बड़े बांध के निर्माण को मंजूरी दी थी।गाओ ने दावा किया कि जून 2000 में आई विनाशकारी बाढ़ ऐसे ही एक ”वाटर बम” के कारण आई थी, जिसमें सियांग नदी पर बने 10 से अधिक पुल बह गए थे, जिसे अरुणाचल प्रदेश में यारलुंग त्सांगपो के नाम से जाना जाता है, जिसे असम में प्रवेश करने के बाद ब्रह्मपुत्र कहा जाता है।

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