नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष पर एक्सपर्ट का कहना है कि अगर ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) बंद किया, तो कच्चे तेल और LNG (Liquefied Natural Gas) की कीमतें बढ़ सकती हैं। भारत जैसे देश जलडमरूमध्य रूट के जरिए सऊदी अरब, इराक और यूएई से कच्चा तेल आयात करते हैं।
ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष पिछले कुछ दिनों में बढ़ गया है। ईरान ने पहले इजरायल पर ड्रोन और राकेट हमले किए। इसके बाद इजरायल ने मिसाइल दागकर जवाबी कार्रवाई की। संघर्ष के बाद से कच्चे तेल की कीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गई हैं। इसके 100 डॉलर प्रति बैरल तक भी पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास हो रहे हैं और इससे संकट नियंत्रित होने की संभावना है। लेकिन अगर ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को अवरुद्ध किया तो तेल और LNG की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी।
होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) ओमान और ईरान के बीच लगभग 40 किलोमीटर चौड़ी एक समुद्री पट्टी है। इस मार्ग के जरिये सऊदी अरब (63 लाख बैरल प्रतिदिन), यूएई, कुवैत, कतर, इराक (33 लाख बैरल प्रतिदिन) और ईरान (13 लाख बैरल प्रति दिन) कच्चे तेल का निर्यात करते हैं।
वैश्विक एलएनजी व्यापार का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा इसके जरिये जाता है। इसमें कतर और यूएई से लगभग सभी एलएनजी निर्यात शामिल हैं। मोतीलाल ओसवाल ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इस तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं है। भारत सऊदी अरब, इराक और यूएई से तेल के साथ ही एलएनजी का आयात भी इसी मार्ग से करता है।