सलाखों के पीछे से किया सिस्टम फेल

ग्रेटर नोएडा:यूपी पुलिस भर्ती के पेपर लीक मामले में मेरठ जेल में बंद कुख्यात रवि अत्री अब भी पूरी तरह से सक्रिय है। इसी गैंग पर बिहार के पटना और नालंदा बॉर्डर से नीट का पेपर लीक कराने का आरोप भी लग रहा है। पुलिस अफसरों के अनुसार जांच एजेंसी को नीट पेपर लीक मामले में रवि अत्री के खिलाफ सबूत मिले हैं। सलाखों के पीछे जाने के बाद अब उसकी एक महिला मित्र और उसके एक करीबी रिश्तेदार ने पूरी कमान संभाल ली है।

एक दशक से नकल माफियाओं के गिरोहों से सीधा संपर्क रखने वाला रवि अत्री का नेटवर्क बिहार, बंगाल से लेकर पूरे उत्तर भारत में फैल चुका है। देशभर में ज्यादातर पेपर लीक मामलों में उसकी संलिप्तता मानी जा रही है। नीट पेपर लीक मामले में पुलिस जल्द ही उससे पूछताछ भी कर सकती है।

पुलिस की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि जेवर के नीमका गांव का रहने वाले रवि अत्री ने देशभर के नकल माफियाओं से सांठगांठ कर करोड़ों रुपये की अकूत संपत्ति अर्जित की है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में उसके पास कई आलीशान फ्लैट हैं। इन्हीं फ्लैट में बैठकर उसने पेपर लीक जैसे बड़े षडयंत्र को अंजाम भी दिया है।

फिलहाल, नोएडा के एक फ्लैट को उसने अपनी एक महिला मित्र को दिया है, जो उसके जेल जाने के बाद पूरे धंधे की कमान संभाले है। इस काम में बुलंदशहर निवासी उसका एक करीबी रिश्तेदार भी उसकी मदद करता रहा है। यह रिश्तेदार दिल्ली में सरकारी विभाग में तैनात है।

नीट यूजी पेपर लीक मामले से जुड़े बिहार के संजीव मुखिया से भी रवि अत्री का सीधा कनेक्शन है। संजीव मुखिया का बेटा डॉक्टर शिव कुमार एक साथ पढ़ाई कर चुके हैं। संजीव मुखिया का बेटा बीपीएससी टीचर परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में पहले से जेल में है।

रवि अत्री का इतिहास भी कुख्यात है। वह 2012 में प्री-मेडिकल टेस्ट परीक्षा पेपर और 2015 में एम्स पीजी परीक्षा पेपर लीक करने के आरोप में जेल जा चुका है। हाल ही में, यूपीएसटीएफ ने कांस्टेबल भर्ती घोटाले में अत्री और 18 अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

पेपर लीक मामलों का मास्टर माइंड रवि अत्री पढ़ाई में काफी तेज रहा है और वर्ष 2006 में श्रीराम इंटर कॉलेज थोरा से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। वर्ष 2007 में वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा चला गया।

मेडिकल परीक्षा की तैयारी के दौरान ही वह नकल माफियाओं के संपर्क में आया और अलग अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में साल्वर बनकर बैठने लगा। वर्ष 2012 में उसने हरियाणा प्री मेडिकल टेस्ट की परीक्षा पास की और रोहतक पीजीआईएमएस में उसका दाखिला हो गया। उसने थर्ड ईयर की परीक्षा पास की, मगर इसके बाद उसने आगे की परीक्षा नहीं दी।

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