किताबी ज्ञान ही नहीं संगीत और लोक वाद्ययंत्रों से भी छात्र होंगे रूबरू

देहरादून: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि लोक संस्कृति को भी विशेष महत्व दिया गया है. यही कारण है कि देश, विदेश के ज्ञान के साथ स्थानीय संस्कृति को भी छात्र सीखने जा रहे हैं. इसके तहत सरकारी स्कूलों में विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए लोक संगीत और लोक धुन से जुड़े कार्यक्रम चलाए जाने का फैसला लिया गया है.

उत्तराखंड की लोक संस्कृति, संगीत और लोक धुनों को विद्यालय शिक्षा में भी शामिल किया जा रहा है. इसके तहत सरकारी विद्यालयों में अब छात्रों को लोक संगीत, कला और वाद्य यंत्रों की जानकारी दी जाएगी. छात्र प्रदेश में लोक संगीत के बारे में जान सकेंगे तो वहीं वाद्य यंत्रों के रूप में ढोल दमाऊ, मसक बीन समय दूसरे स्थानीय वाद्य यंत्रों का भी प्रशिक्षण ले सकेंगे. प्रदेश में यह सब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत किया जा रहा है.

सरकारी स्कूलों में ढोल दमाऊ की थाप और मसक बीन की धुन गूंजेगी, इसके लिए तमाम जानकारी कलाकार छात्रों को प्रशिक्षित करेंगे और इसके इतिहास की भी जानकारी देंगे. सरकारी स्कूलों में किताबों के साथ दूसरी कई गतिविधियों को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है और इसके तहत लोक संस्कृति, लोक संगीत, लोक धुन जैसी बातों पर भी छात्रों की समझ बढ़ाने की कोशिश की जाएगी. शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि लोक संगीत, कला, वाद्य यंत्र के बारे में छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए पहले चरण में उत्तराखंड के 380 राजकीय विद्यालयों में लोकधुन कार्यक्रम चलाए जाएंगे.

इन कार्यक्रमों के तहत छात्रों को कलाकारों द्वारा प्रशिक्षित भी किया जाएगा. प्रयास होगा कि छात्र संगीत और कला के क्षेत्र में भी पारंगत हो सकें. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत खेलों को भी प्रोत्साहित किया जाना है. इसके लिए राज्य के 12 जिलों में स्पोर्ट्स कंपलेक्स बनाए जाने हैं. ये स्पोर्ट्स कंपलेक्स आधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे. इसमें बैडमिंटन, टेबल टेनिस, बास्केटबॉल और बॉक्सिंग जैसे खेलों में छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

नए प्रयासों के तहत सरकारी विद्यालयों में छात्रों की तर्कशक्ति को भी विकसित करने का प्रयास होगा. इसके लिए हर महीने ओएमआर शीट आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा. ताकि भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी छात्र तैयार हो सके.

राज्य में सुपर 100 कार्यक्रम का दायरा बढ़ाकर 200 करने का काम होगा और इसमें ज्यादा से ज्यादा छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा के लिए तैयार किया जा सकेगा. इन नए कार्यक्रमों के लिए भारत सरकार से समग्र शिक्षा परियोजना के तहत हाल ही में बड़ा बजट स्वीकृत किया गया है. जिसकी मदद से राज्य में इन कार्यक्रमों को संचालित किया जा सकेगा.

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