रामपुर। मिलक थाने के सिलाई बड़ा गांव में मंगलवार शाम अंबेडकर का बोर्ड हटाने को लेकर बवाल हो गया था। फायरिंग के दौरान एक छात्र की मृत्यु हो गई थी और दो युवक घायल हो गए थे। इसके विरोध में भीड़ ने जमकर हंगामा किया। पुलिस की गाड़ी भी तोड़ दी।
भीड़ छात्र का शव पुलिस को नहीं उठाने दे रही थी। तब डीआईजी मुनिराज और मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह गांव पहुंचे। ग्रामीणों को समझाया। रात 12 बजे के बाद पुलिस ने शव गांव से निकाला और रात में ही पोस्टमार्टम कराया।
बुधवार सुबह आठ बजे पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचा तो अनुसूचित जाति के लोगों ने अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि पहले आंबेडकर की प्रतिमा और छात्र की मूर्ति लगवाई जाए। इसके बाद ही अंतिम संस्कार होगा।
गांव में तनाव को देखते हुए आसपास के तमाम स्थानों की पुलिस फोर्स लगा दी गई है। जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह और एसपी राजेश द्विवेदी भी गांव पहुंच गए हैं। पुलिस ने छात्रा के पिता की ओर से चौकी इंचार्ज समेत चार पुलिस कर्मियों और 18 ग्रामीणों को नामजद करते हुए रिपोर्ट दर्ज कर ली है।