देहरादून: उत्तराखंड के शहरों में आवारा कुत्तों की समस्या बढ़ती जा रही है। कुत्ते राह चलते लोगों पर हमला कर रहे हैं।
एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक इस समस्या के समाधान के लिए अब शहरी विकास निदेशालय ने एसओपी जारी की है। इसमें लोगों को राहत देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। एसओपी में कहा गया है कि हर नगर निकाय को एनिमल बर्थ कंट्रोल मॉनिटरिंग कमेटी का गठन करने के साथ ही डॉग स्क्वॉयड बनाना होगा।
डॉग स्क्वॉयड कुत्ते के काटने की सूचनाओं का संज्ञान लेकर जांच कर के कुत्ते को अपने साथ ले जाएगी। इसके बाद सात दिन तक कुत्ते की निगरानी होगी। अगर कुत्ता उग्र स्वभाव का हुआ तो उसे मूल जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा। आगे पढ़िए
शहरी विकास निदेशक की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक यह मॉनिटरिंग कमेटी प्राथमिकता के आधार पर उग्र आवारा कुत्तों की समस्या से संबंधित शिकायत सुनेगी। अगर किसी को कुत्ते ने काट लिया है तो कमेटी शिकायतकर्ता के नाम, पते और फोन नंबर समेत कुत्ते के काटने की जगह संबंधी जानकारी सहेजेगी।
आवारा कुत्ते के काटने की पुष्टि होने पर डॉग स्क्वॉड ऐसे कुत्ते को पकड़ेगी। डॉग स्क्वॉयड में डॉग वैन, ड्राइवर, दो डॉग कैचर होंगे। इसके बाद कुत्ते को एबीसी कैंपस में निगरानी के लिए रखा जाएगा।
7 दिन की निगरानी के दौरान अगर कुत्ता उग्र स्वभाव का न पाया गया तो बंध्याकरण के बाद उसे वापस उसी जगह छोड़ दिया जाएगा। जरूरत हुई तो 1 से 3 हफ्ते तक निगरानी की जा सकती। इस प्रक्रिया में पशु क्रूरता से बचाव रखा जाए। निदेशालय ने ताजा एसओपी के तहत कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।