पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में प्रादेशिक सेना भर्ती होनी है। इसके लिए बाहरी राज्यों से भी बड़ी संख्या में युवा पहुंचे हैं। लेकिन युवाओं को पिथौरागढ़ तक पहुंचने में भारी परेशानी झेलनी पड़ी। जिसके बाद आज आक्रोशित युवा भर्ती स्थल का गेट तोड़कर अंदर घुस गए।
प्रादेशिक सेना भर्ती में शामिल होने के लिए यूपी से 20,000 से अधिक युवाओं की भीड़ जब पिथौरागढ़ पहुंची तो हालात बेकाबू हो गए। बुधवार तड़के पिथौरागढ़ में सेना भर्ती के दौरान भर्ती स्थल तक पहुंचने की आपाधापी में सेना का गेट टूट गया। युवकों की भीड़ भर्ती स्थल में घुसने लगी तो भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठियां फटकारनी पड़ीं। इससे वहां भगदड़ मच गई। इस दौरान दो युवक घायल हो गए।
सेना के देवकटिया मैदान में बुधवार को प्रादेशिक सेना भर्ती में शामिल होने यूपी से बड़ी संख्या में युवा पहुंचे। तड़के ही युवा दौड़ में शामिल होने के लिए मैदान में पहुंच गए। इस दौरान पीछे से युवाओं का रेला उमड़ता गया। युवा आक्रोशित हो गए और गेट तोड़कर भीतर घुसने लगे।
कुछ युवा पहाड़ी पर चढ़ गए। सेना ने भी भीड़ नियंत्रित करने का हरसंभव प्रयास किया। जब भीड़ नियंत्रित नहीं हुई तो लाठियां फटकारी गईं जिससे भगदड़ मच गई। लाठियां फटकारने से युवा मैदान के आसपास पहाड़ी और खाई की ओर भागे और गिरकर घायल हो गए।
भगदड़ में गंभीर रूप से घायल मेहताबनगर बुलंदशहर निवासी युवराज (18) और मनीष (19) को 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। युवराज का पैर और हाथ फ्रैक्चर हो गया और उसके सिर में भी गंभीर चोट आई। प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। वहीं मनीष को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। अन्य घायल दर्द से कराहते हुए साथियों के साथ घर लौट गए।
पिथौरागढ़ के देवकटिया मैदान के बाहर चारों ओर बिखरे युवाओं के जूते-चप्पल और अन्य सामान अव्यवस्थाओं की गवाही देते नजर आए। जब भगदड़ मची तो युवा मैदान से बाहर और पहाड़ी-खाई की तरफ भागे। कोई अपना जूता तो कोई अपनी चप्पलें छोड़कर भागा। कई युवाओं के बैग भी उनके कंधों और हाथों से छूट गए। भीड़ छंटने के बाद भी युवा अपने सामान को वापस लाने की हिम्मत नहीं जुटा सके और बैरंग घर लौट गए।
भगदड़ के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुलाई गई। एंबुलेंस भी हजारों की भीड़ में फंस गई और उसका घटनास्थल तक पहुंचना मुश्किल हो गया। किसी तरह एक घंटे बाद एंबुलेंस घायलों को लाने में सफल हो सकी तब जाकर वे अस्पताल पहुंचे।
युवाओं से भर्ती रैली में व्यवस्थाओं को लेकर बात की तो उन्होंने अपना दर्द साझा किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से रहने-खाने और यातायात की बेहतर व्यवस्था की गई थी लेकिन सेना की व्यवस्थाओं ने उन्हें खासा परेशान किया। छोटे मैदान में भर्ती कराकर भीड़ नियंत्रित करने के नाम पर लाठियां फटकारीं गईं। उन्होंने मायूस होकर कहा कि वे भर्ती होने पिथौरागढ़ पहुंचे थे न कि घायल होने।