शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया

नई दिल्ली : साल 2023 के आखिरी सूर्य ग्रहण के बाद अब आज यानी 28 अक्तूबर को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण शारदीय नवरात्रि के ठीक एक दिन पहले यानी 14 अक्तूबर को लगा था। आखिरी सूर्य ग्रहण के ठीक 14 दिन बाद आज शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है।

शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत के समान मानी जाती हैं। यही वजह है कि इस दिन लोग खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखते हैं। हालांकि इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की छाया पड़ने के कारण आसमान से अमृत नहीं बरसेगा।

शास्त्रों में ग्रहण के दौरान सोने से भी मनाही है। ऐसा करना अशुभ माना गया है। साथ ही इस दौरान पेड़-पौधों को भी स्पर्श नहीं किया जाता है। इसके अलावा ग्रहण के दौरान न तो पूजा करनी चाहिए और न ही मंदिर का पट खुला रखना चाहिए।

चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। मान्यता है कि इससे गर्भ में पर रहे शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को नुकीली या धारदार चीजों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। ऐसे में इस दौरान न तो भोजन पकाना चाहिए और न ही खाना चाहिए।

वहीं धार्मिक शास्त्र में ग्रहण काल को शुभ नहीं माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि इस दौरान प्रकृति में कुछ समय के लिए विचित्र सी शक्ति उत्पन्न होती है जो कि सभी प्राणियों पर प्रभाव डालती है। इसलिए इस समय घर से बाहर निकलना और ग्रहण को देखना अच्छा नहीं माना जाता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो सूर्य ग्रहण की घटना को खुली आंखों से देखना उचित नहीं होता है, क्योंकि ये आपकी आंखों को नुकसान पहुंता सकता है। हालांकि चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है।आप चाहें तो दूसरे दिन खीर बनाकर भगवान को भोग लगा सकते हैं। या फिर आज सूतक काल शुरू होने से पहले खीर बना कर उसमें तुलसी की पत्तियां डाल कर रख दें। चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद आप इस खीर को चंद्रमा की रोशनी में रख कर कुछ देर बाद इसका सेवन कर सकते हैं।

ग्रहण के साथ ही इसके सूतक काल को भी शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ निशेध माना जाता है। ऐसे में 28 अक्तूबर को दोपहर के बाद से ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। इस वजह से शरद पूर्णिमा पर बनने वाली खीर भी इस बार मध्य रात्रि में नहीं बनेगी।

इस बार नौ साल के बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का संयोग बन रहा है और यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में शरद पूर्णिमा पर पूजा अर्चना सहित अन्य कार्यक्रम दिन में ही संपन्न कर लिए जाएंगे।

जानकारों के अनुसार साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत के सभी राज्यों में दिखाई देगा।साल के अंतिम चंद्र ग्रहण को भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक, दक्षिणी प्रशांत महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।

चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है। इस बार साल के दूसरे चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्तूबर की शाम 04 बजकर 06 मिनट से शुरू हो जाएगा।इस बार साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। इसके पहले साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा वाले दिन लगा था। यह चंद्र ग्रहण दुनिया भर के कई हिस्सों में देखा गया, लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया था।

पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण 28/29 अक्टूबर को रात्रि 01 बजकर 06 मिनट से शुरू होगा और देर रात्रि 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। कुल मिलाकर 1 घंटे और 16 मिनट का चंद्र ग्रहण लगेगा। वहीं उपच्छाया से पहला चंद्र स्पर्श रात 11:32 पर है। इसका सूतक शाम 04:06 मिनट से शुरू हो जाएगा।

28 अक्तूबर को साल 2023 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसके पहले साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा वाले दिन लगा था। यह चंद्र ग्रहण दुनिया भर के कई हिस्सों में देखा गया था, लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया था। अब साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *