कीव। रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी घुसपैठ के जवाब में रूसी बलों ने पूर्वी यूक्रेन में दबाव बढ़ा दिया है। रूसी सेना के लगातार आगे बढ़ने से यूक्रेन ने पोकरोवस्क शहर के नागरिकों से अनुरोध किया वे इसे खाली कर दें। दुश्मन देश के सैनिक शहर के काफी निकट पहुंच गए हैं।
रूसी सेना महीने भर से पूर्वी यूक्रेन में दबाव बनाए हुए है। यूक्रेन ने पोकरोवस्क के नागिरिकों से जल्द से जल्द क्षेत्र को खाली करने को कहा है। रूसी सेना ने यूक्रेन द्वारा कुर्स्क क्षेत्र में घुसपैठ से निपटने के लिए नया दांव चला है। वह यूक्रेन का ध्यान कुर्स्क से हटाना चाहती है।
कुर्स्क क्षेत्र में छह अगस्त से ही यूक्रेनी और रूसी सैनिकों में घमासान जारी है। यूक्रेनी सैनिकों ने बिना शोर किए बड़ी सावधानी से कुर्स्क में घुसपैठ को अंजाम दिया है, इससे रूस हतप्रभ है। यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार माइखेलो पोडोलियाक ने कहा कि हमारा उद्देश्य कुर्स्क क्षेत्र पर कब्जा करना नहीं बल्कि रूस पर निष्पक्ष वार्ता के लिए दबाव बनाना था।
उन्होंने कहा कि हमें रूस पर महत्वपूर्ण सामरिक बढ़त हासिल करने की जरूरत है। कुर्स्क क्षेत्र में हम स्पष्ट देख रहे हैं कैसे सैनिकों का उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यूक्रेन ने पिछले हफ्ते कुर्स्क के बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। इस बीच, रूस की सरकारी एजेंसी आरआइए की रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने शुक्रवार को एक यूक्रेनी यूनिट को नष्ट कर दिया है। उसने अज्ञात सुरक्षा सूत्रों के हवाले से यह खबर दी।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम और अमेरिका के नेतृत्व में नाटो गठबंधन यूक्रेन की मदद कर रहा है। बिना पश्चिम की सहायता के यूक्रेन कुर्स्क में आक्रमण नहीं कर सकता था। इसी तरह अमेरिका में रूसी राजदूत अनातोली एंटोनोव ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि कि बिना अमेरिका की मंजूरी के यूक्रेन नार्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन पर हमला कर सकता है। रूसी संसद के डिप्टी मिखाइल शेरेमेट ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिमी समर्थन से कुर्स्क क्षेत्र में हमले से विश्व युद्ध का खतरा पैदा हो गया है।