नेपीडॉ: म्यांमार से मुस्लिम रोहिंग्याओं के बार में विचलित करने वाली खबर सामने आई है। देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे रोहिंग्याओं के ऊपर तोपों और ड्रोन से हमला किया गया है। हमलों में करीब 200 लोग मारे गए हैं। हमला म्यांमार के पश्चिमी रखाइन राज्य में बांग्लादेश की सीमा के पास हुआ है।
नदी के किनारे नाव का इंतजार कर रहे रोहिंग्या लोगों के ठीक ऊपर बम गिराए गए। लोग बचने के लिए सीधे नदी में कूद गए। सोशल मीडिया पर सामने आए भयानक विडियो में नदी के किनारे सड़क पर कीचड़ में सने दर्जनों व्यस्कों और बच्चों के शव पड़े दिखाई दे रहे हैं।
हमले में बचे दो लोगों ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि ये हमला रखाइन राज्य पर सैन्य प्रभुत्व रखने वाले जातीय समूह की अराकान आर्मी ने किया है। म्यांमार की सैन्य सरकार ने भी अराकान आर्मी पर हमले का जिम्मेदार बताया है।
वहीं, अराकान आर्मी ने रोहिग्या पर हमले में शामिल होने से इनकार किया। बताया जा रहा है कि भीषण लड़ाई से बचने के लिए रोहिंग्या मुसलमान नफ नदी को पार करके बांग्लादेश में जाने की कोशिश कर रहे थे। अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा समूह डॉक्टर विदआउट बॉर्डर्स ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि सीमा पार करके पहुंचे घायल रोहिंग्याओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
रोहिंग्या में नदी पार करके बांग्लादेश पहुंचने के लिए नाव की तलाश कर रहे थे, इस दौरान उनके ऊपर ड्रोन के जरिए बम से हमला किया गया। म्यांमार में आंग सान सू की की सरकार को हटाए जाने के बाद से लोकतंत्र समर्थक गुरिल्लाओं और जातीय सशस्त्र बलों ने देश के सैन्य शासकों के खिलाफ युद्ध छेड़ा हुआ है।
हालांकि, रखाइन में लड़ाई ने रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के खिलाफ संगठिक हिंसा के फिर से शुरू होने की उम्मीद जताई है। 2017 में एक हिंसक अभियान में करीब साढ़े सात लाख रोहिंग्याओं को बौद्ध बहुल देश से भागना पड़ा था। वे बांग्लादेश चले गए थे, जो बुरी स्थिति में शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।
हमले से बचने वाले एक 17 वर्षीय रोहिंग्या ने कहा कि सोमवार 6 बजे के बाद माउंगडॉ के दक्षिणी हिस्से में लगभग 1000 रोहिंग्या बांग्लादेश में प्रवेश करने के लिए नावों का इंतजार कर रहे थे। इसमें वह खुद भी शामिल था। इसी दौरान उसने चार ड्रोन उड़ते हुए देखे। उसने आगे बताया कि उसके पास ही ड्रोन ने तीन बम गिराए, जिसके बाद वह और बाकी लोग पानी में कूद गए। ड्रोन हमले के बाद करीब तोप के 20 गोले भी गिरे। उसने अनुमान लगाया कि बच्चों और महिलाओं समेत कम से कम 150 लोग मारे गए और कई घायल हुए हैं।
उसने बताया कि हमलों के बाद सोमवार की रात कोई नाव नहीं मिलने पर वह और उसका परिवार म्यांमार में अपने गांव लौट गए थे। मंगलवार शाम को करीब 5 बजे वे दोबारा नदी किनारे गए। यहां उनका पीछा कर रहे अराकान आर्मी और सादे कपड़ों में मौजूद म्यामांर सेना के सैनिकों में घटनास्थल पर लड़ाई शुरू हो गई। रोहिंग्या किशोर ने फोन पर एपी को बताया कि करीब एक घंटे की लड़ाई के बाद सैनिक नदी के किनारे से हट गए।
इसके बाद अराकान आर्मी ने लड़ाकों ने वहां बचे रोहिंग्या नागरिकों को करीब से गोली मारी। उसने बताया कि कम से कम 20 रोहिंग्या को उसने अपनी आंखों के सामने मारे जाते देखा। उसने कहा कि गोलीबारी में फंसे कई अन्य लोग भी मारे गए। उसके परिवार के सिर्फ 4 लोग बांग्लादेश में घुसने में कामयाब रहे, जबकि मंगलवार की हिंसा के बाद आठ अन्य लापता हो गए।