नई दिल्ली:हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लेकर पूर्वोत्तर के असम समेत देश के 10 राज्यों में बारिश कहर बनकर टूटी है। पहाड़ी राज्यों में कई जगह भूस्खलन और कई स्थानों पर सड़कें धंसने से वाहनों की आवाजाही रुक गई। मैदानी इलाकों में नदियां उफान पर हैं। असम में बाढ़ के हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं। मौसम विभाग ने अगले चार से पांच दिन उत्तर पश्चिम से लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी वर्षा की चेतावनी दी है।
उत्तराखंड के कई हिस्सों में बारिश जारी है। नदियां ऊफान पर हैं। भूस्खलन के कारण मलबा सड़क पर आने से राज्य के कई प्रमुख राजमार्ग बाधित हो रहे हैं। ऐसे में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग ने उत्तराखंड में आज बहुत भारी बारिश और एक-दो स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना जताई है।
आईएमडी ने बताया कि अगले पांच दिनों में पश्चिमी तट, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के कई हिस्सों और उत्तर प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग की ओर से आज उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी भारी बारिश की संभावना जताई गई। राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं, पड़ोस में उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और ओडिशा के कुछ हिस्सों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
हिमाचल और उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, अरुणाचल, महाराष्ट्र, गोवा, राजस्थान और गुजरात में भारी बारिश हो रही है। राजस्थान के चुरु में 24 घंटे में 141 एमएम बारिश हुई। उत्तराखंड में विष्णुप्रयाग में चट्टान टूटकर सड़क पर आने से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग रविवार को बंद रहा। इसके चलते चारधाम यात्रा सोमवार तक रोक दी गई है। राज्य में अभी 98 मार्ग बंद हैं।
गंगा, अलकनंदा समेत प्रमुख नदियां उफान पर हैं। गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से मात्र 85 सेमी नीचे रह गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड, यूपी, बिहार से लेकर पूर्वोत्तर तक 11 जुलाई तक भारी बारिश होने के आसार हैं।
हिमचाल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ के चलते 41 सड़कों पर आवाजाही बंद है। जगह-जगह भूस्खलन से सड़कों पर मलबा आ गया है। रविवार को कुल्लू में भूस्खलन से गोशाला ढह गई। राज्य सरकार के मुताबिक 212 बिजली के ट्रांसफॉर्मर खराब हुए हैं और 17 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुईं।
बिहार में भारी बारिश के चलते कोसी, महानंदा, बागमती, गंडक समेत कई नदियां खतरे के निशान तक पहुंच गई हैं। वहीं, असम में 23 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। महाराष्ट्र के पालघर में बाढ़ में फंसे 65 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है।
बारिश के चलते दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा है, लेकिन अभी बाढ़ का खतरा नहीं है। अच्छी बात ये है कि राजधानी में पानी की किल्लत दूर हो जाएगी। जल्द ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को यमुना से जरूरत से अधिक पानी मिलने लगेगा। रविवार को हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे करीब 352 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
महाराष्ट्र के ठाणे और पालघर जिले में बाढ़ के चलते फंसे 65 लोगों को एनडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित निकाला है। ठाणे जिले में 49 लोग पानी से घिरे रिसॉर्ट में फंस गए थे। वहीं, पालघर में 16 ग्रामीण भारी बारिश के चलते पानी में फंस गए थे।
एनडीआरएफ की टीम ने नौका और लाइफ जैकेट के सहारे सभी लोगों को पानी से बाहर निकाला। पालघर में 16 ग्रामीण खेत में काम कर रहे थे, जब अचानक बारिश होने से तनसा बांध का जल स्तर बढ़ गया और वे पानी में फंस गए। इनमें 8 महिलाएं भी थीं। दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद इन्हें निकाला जा सका। ब्यूरो
बिहार में बीते 24 घंटे से मूसलाधार बारिश के चलते कोसी, महानंदा, बागमती, गंडक, कमला बालन और कमला समेत प्रमुख नदियां उफान पर हैं। सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, शिवहर और सुपी समेत कई जिलों में नदियों का जल स्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है।
गोपालगंज में गंडक नदी खतरे के निशान के पार बह रही है। मधुबनी के कई इलाकों में कमला नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। हालांकि, नदियों के जल स्तर बढ़ने से अभी कहीं से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।