बारिश और बर्फबारी का अलर्ट

देहरादून. दिवाली के नजदीक आते-आते उत्तराखंड का मौसम (Uttarakhand Weather Today) अब बदलता नजर आ रहा है. आने वाले दिनों में उत्तराखंड का मौसम सर्द होने वाला है क्योंकि मौसम विभाग ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है.

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के पूर्वानुमान के अनुसार, आज यानी 29 अक्टूबर को प्रदेश के पर्वतीय जिलों में कहीं हल्की बारिश और चार हजार फीट या इससे ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है. शेष जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा.

मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए पूर्वानुमान के मुताबिक, मंगलवार यानी 29 अक्टूबर को उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर और उत्तरकाशी जिले में कहीं-कहीं हल्की से बहुत हल्की बारिश होने की संभावना है. वहीं 4000 फीट और इससे ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने के आसार हैं, जबकि शेष जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा.

राजधानी देहरादून की बात करें, तो दिन के समय में अधिकांश क्षेत्रों में गर्मी परेशान करेगी जबकि कुछ इलाकों में आंशिक बादल छाए रहेंगे. सुबह के समय धुंध होने के साथ-साथ मौसम ठंडा रहने की संभावना भी है. 29 अक्टूबर को देहरादून का अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 30.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पंतनगर का अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 19.6 डिग्री सेल्सियस रहा. मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान 21.6 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस रहा.

वहीं नई टिहरी का अधिकतम तापमान 22.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सोमवार को राजधानी देहरादून का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (Dehradun AQI) 98 दर्ज किया गया, जो सामान्य श्रेणी में आता है. नैनीताल का AQI सोमवार को 101 दर्ज किया गया.

पहाड़ों पर हल्की बारिश और बर्फबारी के चलते ठंड बढ़ रही है, इसके बावजूद चारधाम यात्रियों के श्रद्धालुओं में उत्साह देखा जा रहा है. केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. बीते रविवार को मौसम खराब होने के चलते केदारनाथ धाम जा रहा हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया और यात्रियों को वापस ही लौटना पड़ गया, जबकि पैदल यात्रा करने वाले यात्री मौसम देखकर भी नहीं थमे.

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