नई दिल्लीः 25 जून, इतिहास की वो काली तारीख, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के एक फैसले की कीमत न जानें कितने बेगुनाहों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. आज ही के दिन साल 1975 में देश में आपातकाल (Emergency) लगाया गया था. 25 जून 1975 मे लगी इमरजेंसी 21 मार्च 1977 यानी कि पूरे 21 महीने चला था. आपातकाल को आज 49 साल पूरे हो गए हैं.
लेकिन लोगों के जहन में इतिहास का वो काला स्याह अध्याय आज भी जिंदा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आपातकाल की 50वीं बरसी पर उस काले दिन को याद किया और कांग्रेस को उनकी नीतियां याद दिलाईं. इसके साथ ही पीएम मोदी ने उन सभी लोगों को भी याद किया, जिनको इस विरोध की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी थी. पीएम मोदी ने इमरजेंसी (Emergency) 50 साल पर कांग्रेस और राहुल गांधी को घेरते हुए बैक टू बैक 4 पोस्ट किए.
पीएम मोदी ने पने पहले ट्वीट में कहा कि आज का दिन उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया. #DarkDaysOfEmergency हमें याद दिलाती है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रता को नष्ट कर दिया और भारत के संविधान को कुचल दिया, जिसका हर भारतीय सम्मान करता है.
पीएम मोदी ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि सत्ता में टिके रहने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत को दरकिनार कर देश को जेलखाना बना दिया. जो भी कांग्रेस से असहमति जताता था उसे प्रताड़ित किया जाता था. पीएम मोदी ने कहा कि सामाजिक रूप से इस तरह की नीतियां लागू की गईं, जिससे सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाया जा सके.
तीसरे ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा कि जिन लोगों ने इमरजेंसी लगाई, उनको हमारे संविधान के प्रति अपना प्यार जताने का कोई अधिकार नहीं है. पीएम ने कहा कि ये लोग वही हैं, जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 लागू किया. प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने के लिए विधेयक लाया गया, संघवाद को नष्ट किया और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया.
पीएम मोदी ने अपने चौथए ट्वीट में कहा कि जिस मानसिकता की वजह से आपातकाल लगाया गया, वह आज भी उसी पार्टी में जिंदा है. जिसने इसे लगाया था. वे अपनी प्रतीकात्मकता के जरिए संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं. लेकिन भारत के लोगों ने उनकी इन हरकतों को देखा है और यही वजह है कि उनको बार-बार खारिज किया है.
इससे पहले पीएम मोदी ने कल ही अपने संबोधन में कहा था कि 25 जून उनके लिए न भूलने वाला दिन हैजो लोग इस देश के संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित हैं और भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं में निष्ठा रखते हैं. उन्होंने कहा था कि भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 साल हो रहे हैं.
भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था.पीएम मोदी ने कहा कि इस दिन संविधान के चिथड़े-चिथड़े उड़ा दिये गये थे. देश को जेलखाना बना दिया गया था. आज उन्होंने एक बार फिर से कांग्रेस और राहुल गांधी को आपातकाल के जरिए घेरा है.