नालंदा:एयरपोर्ट को उड़ाने की मिली धमकी के अगले दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में जीत के बाद बिहार की यह उनकी पहली यात्रा है। वह बुधवार को नालंदा में रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि आज हायर एजुकेशन के लिए भारत में ही सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान खुल रहे हैं। अब भारत के शिक्षण संस्थान ग्लोबल हो रहे। नालंदा विवि को भी दुनिया के हर इलाके में जाना है। दुनिया बुद्ध के इस देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाह रही है।
नालंदा की यह धरती विश्व बंधुत्व की भावना को नया आयाम दे सकती है। आने वाले 25 साल भारत के युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है। नालंदा विवि के विद्यार्थिंयो के लिए आने वाले दिन महत्वपूर्ण हैं।
आप अपने ज्ञान को समाज को एक सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयोग करिए। अपने ज्ञान से बेहतर भविष्य का निर्माण कीजिए। नालंदा का गौरव भारत का गौरव है। आपके ज्ञान से पूरी मानवता नई दिशा मिलेगी। मुझे विश्वास है कि हमारे युवा आने वाले समय में पूरे विश्व को नेतृत्व देंगे।
आप देखिए दो दिन बाद ही 21 जून को विश्व योग दिवस है। आज भारत में योग की सैकड़ों विधाए मौजूद हैं। हमारे ऋषियों इतना गहन शोध किया आज पूरा विश्व योग को मना रहा है। आज आयुर्वेद को स्वस्थ जीवन के रूप में देखा जा रहा है।
हम प्रगति और पर्यावरण को एकसाथ लेकर चले। भारत ने विश्व को मिशन लाइफ जैसा विजन दिया। पीएम ने कहा कि मेरा मिशन है कि भारत दुनिया के लिए शिक्षा अभियान का केंद्र बने। भारत की पहचान फिर से दुनिया के ज्ञान के केंद्र के रूप में हो।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नालंदा का अर्थ है कि जहां शिक्षा और ज्ञान के दाह का अविरल प्रवाह हो। शिक्षा सीमाओं से परे है। नफा-नुकसान के नजरियों से भी परे है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है। उसे विचार और आकार देती है। नालंदा में बच्चों का एडमिशन उनकी पहचान और उनकी राष्ट्रीयता को देखकर नहीं होता था।
नालंदा में 20 से ज्यादा देशों लोग पढ़ते थे। नालंदा विवि आसियान इंडिया विश्वविद्यालय की दिशा में भी काम कर रही है। 21वीं सदी को एशिया की सदी कहा जा रहा है। हमारा साझा प्रयास दुनिया की नई प्रगति को दिशा देगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीसरे पीएम की शपथ लेने के 10 दिन के अंदर यहां आने का मुझे सौभाग्य मिला है। नालंदा विश्वविद्यालय हमारी पहचान है। पुस्तकें भले जल जाए लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा पाई। इसकी फिर से स्थापना भारत के स्वर्णिम युग की शुरुआत करने जा रहा है।
यह भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा। पीएम मोदी ने कहा कि नालंदा केवल भारत के ही अतीत का पुर्नजागरण नहीं है। इसमें एशिया के कई देशों की विरासत जुड़ी हुई है। इस कार्यक्रम में उपस्थित मेरे मित्र देशों के प्रतिनिधियों का मैं अभिनंदन करता हूं।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री जी को भी अच्छा लग रहा होगा यहां आने से। यह बहुत पौराणिक जगह है। राजगीर दुनिया के पांच धर्मों का संगम स्थल है। सिख धर्म के गुरु नानकदेव भी यहां आए थे। मुस्लिम धर्म के महान संत मखदूम साहब को राजगीर में ही ज्ञान प्राप्त हुआ।
हिन्दू धर्म का मलमाल मेला का आयोजन हर तीसरे वर्ष किया जाता है। मान्यता है कि उस वक्त 33 करोड़ देवी-देवता यहीं रहते हैं। यहां गर्म पानी का कुंड है। लाखों लोग यहां नहाने आते हैं। मैं तो बचपन से यहां आता रहा हूं।
पीएम मोदी से उन्होंने कहा कि आप आ गए हैं तो बहुत अच्छा हुआ। आपको बहुत अच्छा लगेगा। करोड़ों वर्ष पुराने पहाड़ और जंगल है। इनमें जड़ी-बूटियों का भंडर है। एक से एक दवा यहां से निकलती है। इतना ज्यादा राजगीर का महत्व है। बड़े पैमाने पर ईको टूरिज्म का विकास किया गया है।
सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि यह बहुत खुशी कि बात है कि आप पहली बार यहां आएं। पुराने विश्वविद्यालय के खंडहर आज भी जस का तस है। नालंदा विवि की पहचान ज्ञान के केंद्र में रही। पहले यहां 15 हजार छात्र पढ़ते थे।
देश और दुनिया के अनेक जगह के लोग आकर पढ़ते थे। चीन, जापान, श्रीलंका समेत अन्य कई देशों के लोग आकर यहां पढ़ते थे। 12वीं सदी में यह नष्ट हो गया था। मार्च 2005 तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने नालंदा विवि को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। हालांकि बाद में वह इनकार कर गए थे लेकिन जब वह विधान मंडल आए थे तो उन्होंने यह बात कही थी कि नालंदा विवि को फिर से स्थापित करना चाहिए।
नए नालंदा विवि को इंटरनेशनल स्तर का बनाना था इसलिए हमलोगों केंद्र सरकार से बात की लेकिन उस समय मदद नहीं मिला। इसके बाद हमलोगों नया कानून ही बना दिया। फिर राज्य सरकार ने नए विवि के लिए 455 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया। इन सब चीजों को बताना जरूरी है। ताकि लोग पुरानी बात भी जान सकें कि कैसे क्या बना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन कर दिया है। यह विवि 455 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें कुल 221 संरचनाएं हैं। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के द्वारा 19 सितंबर 2014 को इसके निर्माण की नींव रखी गई थी।
आर्किटेक्ट बीबी जोशी ने नालंदा विश्वविद्यालय के प्रारूप को डिजाइन किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1600 साल पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर को देख रहे हैं। गाइड उन्हें प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर के बारे में बारिकी से जानकारी दे रहीं हैं। पीएम मोदी पूरे परिसर का अवलोकन कर रहे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी नालंदा पहुंच चुके हैं। उनके आने से पहले ही सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रधानमंत्री के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं कई देशों के राजदूत,केंद्र व राज्य सरकारों के मंत्री और अन्य कई मौजूद हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नालंदा खंडहर के समीप महाविहार परिसर में बने हेलीपैड पर उतरे।
महाविहार परिसर में तीन हेलीपैड बनाए गए हैं। वहीं चौथे हेलीपैड रास बिहारी हाई स्कूल के खेल मैदान में बनाया गया है। राज्यपाल और मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर लैंड करेगा। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के इतिहास और भूगोल की जानकारी भारतीय पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर एस भट्टाचार्य प्रधानमंत्री को देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने के बाद आज पहली बार बिहार पहुंचे हैं। यहां सेना के विशेष विमान से पहुंचे। इसके बाद पीएम राजगीर पहुंचे। जहां वे राजगीर अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं।
वह नालंदा विश्वविद्यालय के नव निर्मित कैंपस का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर जिला पुलिस पूरी तरह अलर्ट है। उसके साथ ही गया एयरपोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है।