उदय दिनमान डेस्कः कोविड के जिस नए स्वरूप के सिंगापुर समेत दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में मामले सामने आए हैं, उसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई है। इसके आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में देश में मिले ऐसे मामलों के बाद कई महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश और आदेश जारी किए हैं।
फिलहाल अब देश के अलग-अलग राज्यों में एक सप्ताह तक रेंडम सैंपल लेकर सर्वे किया जाएगा। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड का यह बदला स्वरूप, न तो खतरनाक है और ना ही चिंता की बात है। फिलहाल जून के दूसरे हफ्ते में रेंडम सैंपल सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में कोविड के बदले स्वरूप से प्रभावित हुए मरीज और राज्यों की पूरी जानकारी महत्वपूर्ण बैठक में रखी गई। जानकारी के मुताबिक, KP.1 और KP.2 के तकरीबन सवा तीन सौ मामलों की जानकारी सामने आई है। इसमें KP.1 के 34 मामले देश के अलग-अलग राज्यों में पाए गए हैं।
इसमें सबसे ज्यादा 23 मामले पश्चिम बंगाल में मिले हैं। जबकि महाराष्ट्र में इस वैरिएंट के चार मामले सामने आए हैं। इसी तरह गुजरात और राजस्थान में भी दो-दो मरीज मिले हैं। जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक गोवा और हरियाणा समेत उत्तराखंड में भी एक-एक मरीज इसी नए वैरिएंट का मिला है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक़ अब तक देश में KP.2 के तकरीबन 290 मामलों की जानकारी मिली है। जिसमें महाराष्ट्र से 148 मामले शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में 36, राजस्थान में 21, गुजरात में 23, उत्तराखंड में 16, गोवा में 12, ओडिशा में 17, उत्तर प्रदेश में 8 और कर्नाटक में 4 समेत हरियाणा में 3, मध्यप्रदेश और दिल्ली में एक एक मामला मिला है। देश के अलग-अलग राज्यों में नए वैरिएंट और सब वैरिएंट के मामलों पर नजर रखने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रेंडम सैंपल सर्वे के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक जिन राज्यों में ऐसे मामले सामने आए हैं वहां पर सघन निगरानी के साथ-साथ अगले दो सप्ताह तक सैंपलिंग करने को कहा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि हालांकि यह मामले बिल्कुल खतरनाक नहीं है बावजूद इसके केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय प्रत्येक गतिविधि पर करीब से नजर बनाए हुए है।
कोविड मामलों पर नजर रखने वाली कमेटी से जुड़े डॉक्टर एनके अरोड़ा कहते हैं कि पहली बात तो यही है कि जो मामले सामने आ रहे हैं वह बिल्कुल सामान्य है। यानी कि कोविड के बदले स्वरूप की न तो कोई भयावहता है और न ही उससे कोई डरने की आवश्यकता है।
डॉ अरोड़ा कहते हैं कि फिर भी देश के अलग-अलग हिस्सों में मिल रहे मामलों को संज्ञान में लेकर रेंडम सैंपल सर्वे के आदेश दिए जा चुके हैं। वह कहते हैं कि जिन इलाकों में यह मामले आए हैं, वहां पर सघनता से मॉनिटरिंग की जा रही है।
उनका कहना है क्योंकि इनमें से कई मामले काफी पहले के हैं और सभी लोग स्वस्थ हैं। ऐसे मामलों में देखा यही जा रहा है कि क्या किसी को अस्पताल में दाखिल होने की आवश्यकता पड़ रही है या नहीं। डॉक्टर एनके अरोड़ा कहते हैं कि किसी भी मरीज को किसी तरह से अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। इसलिए इस वैरिएंट से बिल्कुल घबराने की आवश्यकता नहीं है।