नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच पिछले ढाई साल से जारी जंग को खत्म कराने के लिए पूरी दुनिया की निगाहें इस वक्त केवल भारत पर टिकी हुई हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले रूस का दौरा करके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की.
इसके बाद हाल में पीएम मोदी ने यूक्रेन की यात्रा करके वहां के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के घावों को भरने की कोशिश की. हाल ही में 27 अगस्त को रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ पीएम मोदी की फोन पर बातचीत हुई. इस दौरान चर्चा हुई कि यूक्रेन यात्रा के बाद शांति समझौते से जुड़ी बातों पर चर्चा करने के लिए भारत अपने एनएसए अजित डोभाल को रूस के दौरे पर भेजेगा.
इससे रूस और यूक्रेन की जंग रोकने के लिए शांति प्रयासों में भारत की भूमिका और मजबूत होगी. फिलहाल शांति कैसे कायम की जा सकती है, इस पर चर्चा करने के लिए एनएसए अजीत डोभाल रूस की यात्रा करेंगे. गौरतलब है कि पुतिन के बाद अब इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि केवल भारत ही रूस और यूक्रेन की जंग के मुद्दे को सुलझा सकता है. बहरहाल यह साफ नहीं हो पाया कि एनएसए अजित डोभाल रूस का दौरा कब करेंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले कुछ महीनों से यूक्रेन और भारत के लंबे समय से दोस्त रूस, दोनों का दौरा किया है. पूरी दुनिया के नेताओं में पीएम मोदी यूक्रेन में शांति कायम करने की कोशिशों में सबसे आगे रहे हैं. जुलाई में रूस की अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अपना ये संदेश दोहराया कि ‘यह जंग का युग नहीं है.’ जबकि अगस्त में उन्होंने यूक्रेन का दौरा किया और राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की. उनसे बातचीत में पीएम मोदी ने शांति के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में कहा है कि वे शांति के खिलाफ नहीं हैं. यूक्रेन के साथ संघर्ष को खत्म करने के लिए वह ब्राजील, चीन और भारत को संभावित मीडिएटर के रूप में देखते हैं. इसी नजरिये को इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी दोहराया.
उन्होंने भी भारत को एक संभावित मीडिएटर के रूप में समर्थन दिया. जो वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते असर का प्रमाण है. रूस और यूक्रेन की अपनी यात्राओं के बाद पीएम मोदी ने यूक्रेन में शांति प्रयासों पर चर्चा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी.