उत्तराखंड में नई आवास नीति लागू

देहरादून :उत्तराखंड में अब दुर्बल और निम्न आय वर्ग के साथ मध्यम वर्ग को भी अपना आवास मिलेगा। आवास विभाग ने मंगलवार को राज्य की नई आवास नीति लागू कर दी। इसमें मैदानी इलाकों में आवास की ऊंचाई बढ़ाने का प्रावधान किया गया है तो तमाम तरह की छूट भी प्रदान की गई है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रमुख सचिव आवास आर मीनाक्षी सुंदरम और अपर आवास आयुक्त प्रकाश चंद्र दुम्का व उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण की टीम ने आवास नीति तैयार की है, जिसमें कई अहम बदलाव किए गए हैं। पहली बार आवास बनाने वाले बिल्डर के लिए आवास निर्माण का अधिकतम मूल्य तय कर दिया गया है।

दुर्बल आय वर्ग के लिए आवास बनाने पर अधिकतम नौ लाख रुपये या 30,000 रुपये प्रति वर्गमीटर मूल्य मान्य होगा। पहले केवल छह लाख रुपये तक मान्य था। निम्न आय वर्ग के लिए 15 लाख रुपये या 33,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर, निम्न मध्यम आय वर्ग के लिए अधिकतम 24 लाख रुपये या 40,000 रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर लागू होगी।

आवास नीति में पहली बार औद्योगिक विकास विभाग की मेगा इंडस्टि्रयल पॉलिसी के अनुरूप ही परियोजनाओं की लागत क्षेत्रफल के आधार पर वर्गीकृत करते हुए परियोजनाओं को मेगा, अल्ट्रा मेगा और सुपर अल्ट्रा मेगा श्रेणी में बांटते हुए नीतिगत व वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है। इसी हिसाब से बिल्डरों को प्रोत्साहन मिलेंगे। भवन ऊंचाई के मामले में पहाड़ में 12 मीटर और मैदान में 30 मीटर का मानक पूर्व की भांति ही लागू रहेगा।

बाखली शैली में आवास पर तीन लाख, ये हैं आवास नीति की मुख्य बातें
– दुर्बल आय वर्ग की आय सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की गई, जिससे अब इस श्रेणी में अधिक लोगों को आवास मिलेगा।
– पीएम आवास योजना की भांति राज्य सरकार प्रति ईडब्ल्यूएस आवास दो लाख रुपये का अनुदान देगी। पहले 1.5 लाख रुपये अनुदान मिलता था।
– परिवार की महिला सदस्य को आवास आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी।
– ईडब्ल्यूएस आवास की बुकिंग 1000 रुपये, एलआईजी की 2000 रुपये और एलएमआईजी की बुकिंग 5000 रुपये में होगी।
– ईडब्ल्यूएस आवास का स्टाम्प शुल्क 1000, एलआईजी का 5000 और एलएमआईजी का 10,000 रुपये होगा। इसी प्रकार, ईडब्ल्यूएस का पंजीकरण शुल्क 500, एलआईजी का 1000 और एलएमआईजी का 1500 रुपये होगा।
– होम लोन लेने वालों को अनुबंध के स्टाम्प शुल्क में छूट मिलेगी। यह 0.5 प्रतिशत होती है।
– पर्वतीय क्षेत्रों में कम ऊंचाई वाले स्थानीय बाखली शैली के आवास को सरकार तीन लाख रुपये का अनुदान देगी।
– ईडब्ल्यूएस आवास के लिए भू-उपयोग परिवर्तन सरल होगा। मानचित्र स्वीकृति शुल्क में छूट मिलेगी।
– किफायती आवास अब चार मंजिला से ऊपर भी बन सकेंगे। इसमें लिफ्ट भी लगा सकेंगे, जिसकी देखरेख 10 साल तक बिल्डर को करनी होगी।

किस वर्ग की अब कितनी आय
लाभार्थी वर्ग वार्षिक आय
दुर्बल आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) 5 लाख रुपये तक
निम्न आय वर्ग (एलआईजी) 5-9 लाख रुपये तक
निम्न मध्यम आय वर्ग (एलएमआईजी) 9-12 लाख रुपये तक
सामान्य आय वर्ग 12 लाख रुपये से अधिक

21 दिन में स्वीकृत होंगी आवास परियोजनाएं
दुर्बल आय वर्ग, किफायती आवास एवं संयुक्त किफायती आवास परियोजनाओं के आवेदन की स्वीकृति 21 दिन में करनी होगी। आवासीय इकाइयों का निर्धारण इच्छुक अभ्यर्थियों की संकलित सूची की प्राप्ति के 15 दिन में होगा। परियोजना की सैद्धांतिक स्वीकृति आवासीय इकाइयों के निर्धारण के सात दिन में करना होगा। इसके ठीक 21 दिन के भीतर नक्शा पास करना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *