नागपुर:औरंगजेब की कब्र पर जारी विवाद में महाराष्ट्र का नागपुर सोमवार रात झुलस गया. शहर में सुबह-सुबह उसके जख्म दिखाई दे हैं. सड़क पर उतरे दंगाइयों ने दर्जनों गाड़ियों फूंक दीं. पुलिसवालों पर पथराव किया गया. जिसमें एक दर्जन से ज्यादा घायल हुए. पत्थरबाजों ने घरों को भी निशाना बनाया गया.
इस हिंसा की शुरुआत दो तरह की अफवाहों से हुई. पहली एक धार्मिक ग्रंथ जलाए जाने की. और दूसरी पवित्र चादर को आग के हवाले करने की. नागपुर की फिजा में जहर घोलने के लिए उड़ाई गई इस अफवाह ने एक समुदाय विशेष के लोगों को भड़का दिया और फिर हिंसा का दौर शुरू हो गया. अभी तक करीब 50 दंगाइयों को गिरफ्तार किए जाने की बात सामने आ रही है.
महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को फैली अफवाह की वजह से कई इलाकों में हिंसा हुई. हंसपुरी इलाके में सोमवार देर रात भड़की हिंसा के दौरान अज्ञात भीड़ ने दुकानों में तोड़फोड़ की और वाहनों में आग लगा दी और पथराव भी किया. इससे पहले महाल इलाके में भी दो गुटों में झड़प हुई थी, जिसकी वजह से शहर में तनाव पहले ही बढ़ा हुआ था. हिंसा के बाद कई इलाकों में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया गया है.
नागपुर के ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में रात 10:30 से 11:30 बजे के बीच अनियंत्रित भीड़ ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दया. इसके साथ ही घरों और एक क्लिनिक में भी तोड़फोड़ की. एक स्थानीय महिला के मुताबिक, उपद्रवियों ने न सिर्फ दुकानों में तोड़फोड़ की बल्कि 40 से ज्यादा वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया.
औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन के विरोध प्रदर्शन के दौरान धर्मग्रंथ जलाये जाने की अफवाह फैलने के बाद मध्य नागपुर में हिंसा भड़की थी. इस दौरान हुए पथराव में एक दर्जन पुलिसकर्मियों समेत 18 लोगों के घायल होने की खबर है.
पुलिस ने महाल क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में तलाशी अभियान के दौरान करीब 50 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले, पुलिस को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय वाले महल क्षेत्र में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज भी करना पड़ा था.अधिकारियों ने बताया था कि हिंसा सोमवार देर शाम कोतवाली और गणेशपेठ तक कथित रूप से फैल गई.
हिंसा में कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी खबर है. इस हिंसा की शुरुआत दोनों गुटों के बीच तनाव बढ़ने और स्थिति बेकाबू होने के बाद हुई थी. पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की वजह से इलाके में तनाव का माहौल है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नागपुर एक शांतिपूर्ण और सहयोगी शहर है. यह शहर हमेशा मिलजुल कर रहने की अपनी परंपरा के लिए जाना जाता है. उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वह प्रशासन का पूरा सहयोग करें और किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस प्रशासन की कोशिशों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि हम लगातार पुलिस प्रशासन के संपर्क में हैं. नागरिकों से अपील करते हैं कि वह प्रशासन को अपना सहयोग दें.
शिवसेना प्रवक्ता आनंद दुबे ने हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखे. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नागपुर में दो गुटों के बीच झगड़े के बाद पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस स्थिति को नियंत्रण में रखने में असफल रही है. वहीं कांग्रेस ने हिंसा को बेहद परेशान करने वाला करार देते हुए कहा कि इससे केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर सत्तारूढ़ प्रशासन की विचारधारा का असली चेहरा उजागर होता है.
अधिकारियों के मुताबिक, यह उपद्रव सोमवार दोपहर बाद शुरू हुआ, जब बजरंग दल के सदस्यों ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया. पुलिस के मुताबिक, अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान धार्मिक ग्रंथ को जलाया गया है. बजरंग दल के प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुए, जिससे एक समुदाय के लोगों में आक्रोश फैल गया.
पुलिस के मुताबिक, सोमवार शाम को गणेशपेठ थाने में पवित्र ग्रंथ जलाने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज कराई गई. इसके बाद बड़ी संख्या में एक समुदाय के लोग महल, कोतवाली, गणेशपेठ और चिटनिस पार्क समेत शहर के विभिन्न इलाकों में इकट्ठा होने लगे. उपद्रव को भांपते हुए पुलिस ने गश्त तेज की और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया.बजरंग दल के पदाधिकारियों ने धार्मिक ग्रंथ जलाए जाने के आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि उन्होंने अपने प्रदर्शन के तहत केवल औरंगजेब का पुतला जलाया था.