500 से अधिक टेक कंपनियों की अटकी सासें

नई दिल्ली: इस्राइस-हमास संघर्ष बढ़ता जा रहा है। युद्ध लंबा चलता है तो इसका असर टेक कंपनियों पर होना तय है। उद्योग एक्सपर्ट का कहना कि अगर इस्राइस-हमास संघर्ष बढ़ता है तो इस्राइस में कार्यालय रखने वाली ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियां संभावित रूप से अपने व्यापार संचालन को भारत या अन्य स्थानों पर शिफ्ट कर सकती हैं।

बता दें कि इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल सहित 500 से अधिक ग्लोबल मल्टीनेशनल कंपनियों के कार्यालय इजराइल में हैं। इनमें से से कुछ ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) और अनुसंधान और विकास (R&D) केंद्र हैं जिनमें 1 लाख से अधिक लोग काम करते हैं।

बिजनेस एक्सपर्ट का कहना है कि टीसीएस और विप्रो जैसी भारतीय कंपनियां भी व्यावसायिक आकस्मिक योजनाओं को सक्रिय कर सकती हैं और अपना परिचालन भारत में शिफ्ट कर सकती हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वे व्यवसाय निरंतरता योजना के हिस्से के रूप में व्यावसायिक कार्यों को समान समय क्षेत्र और प्रतिभा क्षमताओं वाले स्थानों पर शिफ्ट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां भारत के अलावा मध्य पूर्व या पूर्वी यूरोप जैसे स्थानों पर भी ध्यान दे सकती हैं।

आईटी रिसर्च फर्म एवरेस्ट ग्रुप के मुख्य कार्यकारी पीटर बेंडर-सैमुअल का कहना है कि टेक सर्विस अल्प से मध्यम अवधि में प्रभावित हो सकती हैं क्योंकि संघर्ष से सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ जाती हैं और इस्राइल में कार्यरत कई लोगों को लड़ने के लिए बुलाया जा सकता है।

आउटसोर्सिंग एक्सपर्ट पारीख जैन ने कहा कि अगर संघर्ष और बढ़ता है और टेक्नोलॉजी केंद्रों तक पहुंचता है, तो कंपनियों को अपने वितरण केंद्रों और जीसीसी को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ सकता है।

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने मंगलवार को माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर जानकारी दी थी कि कंपनी के इस्राइल में दो कार्यालय हैं और इनमें 2 हजार से अधिक कर्मचारी हैं। शनिवार से हमारा तत्काल ध्यान कर्मचारी सुरक्षा पर रहा है।

हमने अब अपने सभी स्थानीय कर्मचारियों से संपर्क कर लिया है और उनका समर्थन करना जारी रखेंगे। वहीं टीसीएस का कहना है कि कंपनी स्थिति पर नजर रख रही है और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है।

बता दें कि टीसीएस में लगभग 250 कर्मचारी हैं, जिनमें से अधिकांश इस्राइल में स्थित हैं, जबकि विप्रो में लगभग 80 कर्मचारी हैं, जिनमें से सभी इस्राइली नागरिक हैं। टीसीएस और विप्रो के अलावा, इंफोसिस, एचसीएलटेक और टेक महिंद्रा जैसी कंपनियां भी इस क्षेत्र में ऑपरेट होती हैं।

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