बांग्लादेश :बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद भी हिंसा नहीं रुक रही है. वहां हिंदुओं पर लगातार हमले किए जा रहे हैं, जिसकी दुनियाभर में निंदा भी की जा रही है. अब बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर 50 से अधिक नामचीन लेखकों और वकीलों ने पत्र लिखा है, जिसके जरिए ऐसे घटनाओं को रोकने की मांग की है. उन्होंने अपने पत्र में भारतीय संसद को भी इस मामले पर संज्ञान लेने की अपील की है. दरअसल, लेखकों के इस पत्र लिखने का मकसद हिंदुओं पर हो रहे हमले के मुद्दे पर ध्यान खींचना है. बांग्लादेश में अभी हालात काफी खराब हैं, वहां हिंदुओं को चुन चुनकर पीटा जा रहा है, मंदिरों को तोड़ा जा रहा है.
प्रबुद्ध लोगों ने आगे लिखा कि हाल के दिनों में इस्कॉन सेंटर और देश के अन्य इलाकों में कई मंदिरों को जला दिया गया. उनमें तोड़फोड़ की गई. इनके कुछ वीडियो भी वायरल हुए. कई वीडियो में दंगाई हिंदुओं को मारते-पीटते दिख रहे हैं. पत्र में उन्होंने इस घटना पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में लंबे समय से हिंदुओं के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं, वहां लगातार हमले किए जा रहे हैं. पत्र लिखने वालों में लेखक अमिश त्रिपाठी, आनंद रंगनाथन और वकील जे साई दीपक जैसे लोग शामिल हैं.
1971 में भी पाकिस्तानी सैनिकों ने सबसे ज्यादा हिंदू समुदाय को प्रताड़ित किया. उसने करीब 25 लाख हिंदुओं का कत्लेआम किया था. 2013 से अब तक हिंदुओं पर हमले की 3600 से अधिक घटनाएं घट चुकी हैं, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा. वहां की सेना ने कहा था कि अल्पसंख्यकों की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी, लेकिन स्थिति उसके उलट है. हिंदू परिवारों के घरों और परिवारों को पुलिस और सेना ने ही लूटा है. स्थिति अब भी गंभीर है.