मनीष सिसोदिया को 17 महीने बाद ‘सुप्रीम’ जमानत

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को राहत देते हुए, 17 महीने के बाद जमानत दे दी है. शीर्ष कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि हम ED की प्रारंभिक आपत्ति को मानने के इच्छुक नहीं कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं. शीर्ष कोर्ट इससे पहले सुनवाई के दौरान सिसोदिया को पहले निचली अदालत फिर हाई कोर्ट उसके बाद सुप्रीम कोर्ट आने के लिए का निर्देश दिया था. शीर्ष कोर्ट की निर्देशों का पलन करते हुए उन्होंने दोनों अदालतों (निचली आदालत और हाईकोर्ट) में याचिका दाखिल की थी, लेकिन उनकों वहां से कोई राहत नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वानाथन की पीछ ने सिसोदिया को 17 महीने के बाद जमानत दे दी है. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि को सिसोदिया को निचले कोर्ट और हाईकोर्ट जाने का आदेश दिए हुए 6 से 8 महीने बीत गए हैं, लेकिन उनका ट्रायल शुरू नहीं हुआ. इसी बात को संज्ञान में लेते हुए एससी ने कहा कि देरी के आधार पर जमनात की बात हमने पिछले साल अक्टूबर के आदेश में कही थी. लोकिन ट्रायल शुरू नहीं हुआ, इसे आधार मानते हुए जमानत दी जा रही है.

जमानत देते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया की जड़े समाज से जुड़ी हुईं है, इसलिए वह कहीं भाग तो नहीं सकते हैं. इस मामले में सारे सबूत जमा किए जा चुके हैं इसलिए इसमें छेड़छाड़ की संभावना नहीं है. जांच एजेंसी ईडी और सीबीआई ने यह कर विरोध किया कि ट्रायल में देरी की वजह खुद सिसोदिया हैं. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने उनके विरोध को नाकार दिया और कहा कि ट्रायल में देरी वाले मामले पर नीचली आदालत को विचार करना चाहिए.

सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद AAP नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह का बयान आया है. उन्होंने कहा, ये आम आदमी पार्टी के लिए, दिल्ली की जनता के लिए बड़ी राहत है. अब अरविंद केजरीवाल और सत्येन्द्र जैन के लिए न्याय का रास्ता जल्द खुलेगा. क्या देश के प्रधानमंत्री मनीष सिसौदिया के जीवन के 17 महीने बर्बाद हो गए, इसका हिसाब देंगे? मनीष सिसौदिया के घर से एक भी रुपया बरामद नहीं हुआ. यह आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए बहुत बड़ी राहत है और सब कुछ अच्छा होगा और जल्द ही हमारे दो अन्य नेता भी सामने आएंगे.

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