’राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा विश्व रेबीज दिवस पर गोष्ठी का किया आयोजन’
’रेबीज नियंत्रण के तरीकों के बारे में किया जागरूक’
’पालतू जानवरों की देखभाल व जानवर के काटने से बचाव को दिए सुझाव’
रुद्रप्रयाग: ’राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन’ के तत्वावधान में विश्व रैबीज दिवस के मौके पर राजकीय इंटर कालेज नगरासू में आयोजित गोष्ठी में रेबीज से बचाव के लिए जानवरों के काटने पर एंटी रैबीज टीकाकरण करवाने सहित रेबीज नियंत्रण के तरीकों के बारे में जागरूक किया गया। वहीं, जनपद के 53 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में रेबीज नियंत्रण को लेकर सामुदायिक स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाया गया।
राजकीय इंटर कालेज नगरासू में रेबीज जागरूकता गोष्ठी में ऐपिडेमियोलॉजिस्ट डा0 शाकिब हुसैन ने कहा कि रेबीज से बचाव इसके प्रबंधन और टीकाकरण के प्रति जागरूकता के लिए हर वर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है। बताया कि रेबीज एक विषाणु जनित रोग है, कुत्ते, बिल्ली, बंदर आदि जानवरों के काटने या खरोचने से रेबीज संक्रमण होता है, इसके लक्षण दिखने में काफी समय लग जाता है और देर होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है, लेकिन यदि समय रहते इसके प्रति सचेत हो चाएं तो रोकथाम संभव है।
उन्होंने कहा कि कुत्ता या अन्य जानवर के काटने पर घरेलू उपचार न करें, घाव को साबुन और बहते साफ पानी से 10 से 15 मिनट तक अच्छी तरह से धोने, घाव को खुला छोड़ने व घाव पर टांके न लगाएं व तुरंत नजदीकी क्लीनिक या स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डाक्टर की सलाह के अनुसार एंटी रेबीज का टीका लगवाने व रेबीज टीकाकरण का पूरा कोर्स सुनिश्चित करें। कहा कि सरकारी चिकित्सालय मे रेबीज का टीका निःशुल्क उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि पालतू जानवरों में रेबीज से बचाव के लिए जरूरी उपाय करने हेतु भी जागरूकता फैलाने पर जोर दिया, कहा कि पालतू जानवरों व मोहल्ले के पालतू जानवरों कों नियमित एंटी रेबीज का टीका लगवाएं, पालतू जानवरों को हमेश अपनी निगरानी में रखने, पालतू जानवर को किसी अज्ञात जानवर के काटनने पर तत्काल उसे एंटी रेबीज का टीका लगवाने व पालतू जानवर को आवारा जानवर से दूर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामुदाय स्तर पर रेबीज की रोकथाम के लिए मोहल्ले में जानवर के काटने की घटना होने पर तत्काल नगर पालिकाध्पंचायत को सूचित करें।
सामुदायिक स्तर पर 53 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में आयोजित कार्यक्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अभिभावकों से बच्चों को कुत्ते के व्यवहार व शारीरिक भाषा के बारे में शिक्षित करने की अपील की। कहा कि प्रायः देखा जाता है कि बच्चे कुत्ते या पालतू जानवर के साथ खेलते हैं और खेल-खेल में कुत्ते बच्चों को काट देते हैं।
बच्चों को समझाएं कि सोते या भोजन करते जानवर को न छेड़े, और जानवर के बच्चों को भी न छेड़े। वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि, जखोली व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऊखीमठ में चिकित्सालय पहुंचने वाले मरीजों के तीमारदारों को रेबीज नियंत्रण व रोकथाम के उपाय के बारे में जागरूक किया गया।