एक साथ जिए, एक साथ मरे!

छतरपुर: जिले के नौगांव के भदेसर गांव में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई है, जिससे पूरा गांव शोकग्रस्त है. यहां एक बुजुर्ग की बीमारी के चलते मौत हो गई थी, जिसके करीब 20 मिनिट बाद ही उनकी विकलांग पत्नी ने खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना के बाद पति-पत्नी को एक ही चिता पर लिटाकर परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार किया गया.

जहां राजपूत परिवार में एक साथ पति पत्नी की मौत हो गई. जिनका एक ही चिंता में अंतिम संस्कार किया गया. 85 वर्षीय ततूरा राजपूत दो-तीन दिन से बीमार चल रहे थे. सोमवार को दोपहर 2 बजे के लगभग उनका निधन हो गया. जब पति की मृत्यु की सूचना दिव्यांग पत्नी जमनाबाई राजपूत को लगी तो 30 मिनट बाद पति वियोग में सांस टूट गई.

ग्रामीणों ने बताया कि मृतिका जमनाबाई पूर्व में कहने लगती थी कि मैं अपने पति के साथ सती हो जाऊंगी. तब ग्रामीण समझने लगते थे कि मृतिका हंसी में कह रही हैं लेकिन जब आज घटना घटित हो गई तो ग्रामीणों को मृतिका द्वारा कहे गए शब्द याद आ गए.

ततूरा राजपूत के चार बेटे खेमचंद्र, बंसीधर, इंद्रकुमार और जुगलकिशोर थे, जिसमें दो पुत्र पहिले ही खत्म हो चुके हैं. इंद्रकुमार कैंसर से पीड़ित था जिसकी मौत कुछ वर्ष पूर्व हो गई थी और दूसरे पुत्र जुगलकिशोर की मृत्यु कुआं में गिरने से हो गई थी.

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