गोपेश्वर। दीपोत्सव पर बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। इस अवसर पर भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम सहित महालक्ष्मी मंदिर और परिसर के आसपास के सभी मंदिरों को आठ कुंतल फूलों व रंग-विरंगी रोशनी से सजाया गया है। धाम में इस बार दीपावली उत्सव एक नवंबर को मनाया जाएगा।
धनतेरस से लेकर महालक्ष्मी पूजन तक तीन दिन बदरीनाथ धाम में विशेष पूजन होता है। इस अवसर पर भगवान बदरी विशाल के साथ बद्रीश पंचायत में विराजमान भगवान कुबेर और माता महालक्ष्मी के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। साथ ही दीपोत्सव का कार्यक्रम भी होगा।
श्री बदरी-केदार मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने बताया कि इस बार कार्तिक स्नान सहित दीपावली को लेकर बदरीशपुरी में श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। श्रद्धालुओं की आमद लगातार बढ़ती जा रही है।
मंगलवार को 11 हजार 300 से अधिक श्रद्धालु धाम पहुंचे, जबकि बुधवार शाम तक 10 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके थे। इस यात्राकाल में अब तक 12 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन का पुण्य अर्जित किया है।
बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि दीपावली को लेकर लोगों में कुछ भ्रम की स्थिति है, लेकिन पंचांग और परंपरा के अनुसार दीपावली एक नवंबर को है। बदरीनाथ धाम में भी इसी दिन दीपावली मनाई जाएगी। अमावस्या पर उपासना करने वालों के लिए 31 अक्टूबर की मध्य रात्रि सही रहेगी।
केदारनाथ धाम में दीपावली के साथ ही भैयादूज पर रविवार को कपाट बंद करने को लेकर मंदिर समिति ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। मंदिर को 10 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया है। तीन नवंबर को प्रात: आठ बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए केदारबाबा के कपाट बंद हो रहे हैं। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। धाम को सजाया जा रहा है।
दीपावली के अवसर पर धाम में मंदिर को सजाया जा रहा है। श्री केदारनाथ धाम में श्री भकुंट भैरवनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने के साथ ही इस शीतकाल के लिए कपाट बंद की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री केदारनाथ मंदिर को दीपावली और कपाट बंद होने के अवसर के लिए मंदिर समिति एवं दानीदाताओं द्वारा 10 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया जा रहा है।
बताया कि केदारनाथ धाम में दीपावली का पर्व भी धूम धाम से मनाया जाएगा। इसके लिए भी तैयारियां चल रही है। बताया कि 17 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो रहे हैं। चार नवंबर को तृतीय केदार तुंगनाथ जी एवं 20 नवंबर को द्वितीय केदार मध्यमेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं।
गंगोत्री मंदिर समिति और यमुनोत्री मंदिर समिति से प्राप्त जानकारी में कहा गया कि श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट दो नवंबर को बंद होने हैं, जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट भी तीन नवंबर को भैयादूज के दिन बंद हो रहे हैं।