बर्फ से ढका केदारनाथ

रुद्रप्रयाग:केदारनाथ धाम पूरी तरह बर्फ से ढका हुआ है. धाम में पांच फीट से अधिक तक बर्फ जमी हुई है. जिससे कई भवन बर्फ से ढक चुके हैं. इसके साथ ही धाम को जोड़ने वाला पैदल मार्ग भी पूरी तरह बर्फ के आगोश में है. केदारनाथ धाम समेत पैदल मार्ग में भारी बर्फबारी होने के कारण निर्माण कार्य भी बंद हो गया है. मजदूर भी सोनप्रयाग लौट आए हैं.

पहाड़ों में इन दिनों मौसम पल-पल करवट बदल रहा है. कभी बर्फबारी, कभी बारिश तो कभी धूप खिल रही है. दो दिन पूर्व ही बर्फबारी और बारिश ने आम जन जीवन प्रभावित करके रख दिया था. बीच में एक दिन धूप खिली तो लोगों ने राहत की सांस ली. लेकिन अब फिर से मौसम खराब हो गया है. पहाड़ों के हिमालयी क्षेत्रों में फिर से हिमपात शुरू हो गया है. जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हो रही है. केदारनाथ धाम में चारों तरफ बर्फ ही बर्फ है. धाम में कई आवासीय भवन भी बर्फ से ढक चुके हैं.

केदारनाथ पैदल मार्ग के गौरीकुंड से धाम तक एक से पांच फीट तक बर्फ जमा है. जबकि रामबाड़ा से रुद्रा प्वाइंट तक 6 से 7 स्थानों पर हिमखंड भी सक्रिय हैं. पुराने और नए मार्ग को दुरुस्त करने में जुटे सभी मजदूर बर्फबारी के कारण नीचे सोनप्रयाग लौट आए हैं.

वहीं केदारघाटी मे विगत एक सप्ताह से मौसम के बार-बार करवट लेने से जनजीवन खासा प्रभावित हो रहा है. ग्रामीणों की दिनचर्या खासी प्रभावित हो गई है. हिमालयी क्षेत्रो में रुक-रुककर बर्फबारी होने और निचले भूभाग में बारिश होने से तापमान में भारी गिरावट महसूस होने लगी है.

सीमांत क्षेत्रों के तापमान मे भारी गिरावट महसूस होने से ग्रामीण घरों में कैद रहने के लिए विवश बने हुए है. हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले भूभाग में बारिश होने से प्रकृति में नव ऊर्जा का संचार होने के साथ प्राकृतिक जल स्रोतों के जल स्तर में वृद्धि देखने को मिल तो रही है, मगर काश्तकारों की धान की बुवाई खासी प्रभावित हो रही है.

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