रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में ठंड बढ़ने के साथ ही निर्माण कार्यों की गति भी धीमी पड़ने लगी है। अब तक सौ श्रमिक धाम से वापस लौट चुके हैं, जबकि दो सौ अभी वहीं हैं। स्वयं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की लोनिवि शाखा के अधिशासी अभियंता केदारनाथ में डेरा डाले हुए हैं।
वहीं, तीन दिन बाद शुक्रवार को मौसम खुलने पर केदारनाथ हेलीपैड से बर्फ हटाई जा सकी। इसके बाद ही वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने वहां पांच टन निर्माण सामग्री पहुंचाई। हालांकि, केदारनाथ धाम से आठ किमी नीचे रामबाड़ा तक पूरा क्षेत्र बर्फ से अटा पड़ा है। केदारपुरी में लगातार बर्फबारी के चलते एक फीट से दो फीट बर्फ जम चुकी है। हेलीपैड में भी लगभग डेढ़ फीट बर्फ जमी हुई थी, जिस कारण सप्ताह भी चिनूक भी निर्माण सामग्री नहीं पहुंचा पाया।
ठंड बढ़ने के कारण धाम में तापमान भी लगातार गिर रहा है। रात के समय तो माइनस आठ डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ जा रहा है। इन दिनों तो सुबह-शाम भी तापमान शून्य से नीचे ही चल रहा है। कई बार तो पूरे दिन तापमान शून्य से नीचे रह रहा है। वहीं, डीडीएमए की लोनिवि शाखा के अधिशासी अभियंता विजय झिंक्वाण ने बताया कि वह स्वयं केदारनाथ में रहकर निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं।
वहां इन दिनों मंदाकिनी नदी किनारे 13 भवनों के अलावा, म्यूजियम, सरस्वती नदी पर 60 मीटर स्पान का पुल, चिकित्सालय भवन, संगम पर घाट आदि का निर्माण हो रहा है। यह सभी कार्य अगले यात्रा सीजन शुरू होने से पूर्व पूरे किए जाने हैं। यदि अधिक बर्फबारी न हुई तो दिसंबर आखिरी सप्ताह तक कार्य जारी रहने की उम्मीद है। अंतिम सप्ताह तक निर्माण कार्य जारी रहने की उम्मीद है।