नई दिल्ली। हिंदू पंचांग अनुसार, करवा चौथ (Karwa Chauth 2024) का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। इस त्योहार का सुहागिन महिलाओं और अविवाहित लड़कियों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस व्रत को निर्जला किया जाता है। रात को चंद्र दर्शन करने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। इस व्रत की शुरुआत सुबह सरगी के सेवन से होती है। व्रत में सरगी का विशेष महत्व है।
करवा चौथ की सरगी में फलों को शामिल करना चाहिए। जैसे- सेब, केला, अंगूर, पपीता आदि। इसके अलावा सूखे मेवे, हलवा, मिठाई, दूध और दही समेत आदि चीजों को शामिल किया जा सकता है।इस बार करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर को किया जाएगा। इस दिन सूर्योदय से पहले सरगी खाने का विधान है। इस दिन सूर्योदय से 02 घंटे पहले सरगी का सेवन कर लें। 20 अक्टूबर को सूर्योदय सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर होगा। ऐसे में करवा चौथ के दिन सुबह 04 बजकर 25 मिनट तक सरगी का सेवन कर लें।
करवा चौथ के दिन सरगी का सेवन ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए। मान्यता है कि इस समय देवी-देवता पृथ्वी लोक पर विचरण करते हैं, जिसकी वजह से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दौरान जो चीज हम खाते हैं, तो वह हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती हैं।
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 19 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 20 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में करवा चौथ का व्रत 19 अक्टूबर को किया जाएगा। इस दिन शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth 2024 Subh Muhurat) कुछ इस प्रकार रहने वाले हैं –
करवा चौथ पूजा मुहूर्त – शाम 05 बजकर 47 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक
करवा चौथ व्रत समय – सुबह 06 बजकर 34 मिनट से शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है