बाबा के जयकारों से गूंजा कैंची धाम

गरमपानी : आस्था के केंद्र सुप्रसिद्ध कैंची धाम में स्थापना दिवस पर आस्था आस्था का सैलाब उमड़ा। मध्य रात्रि से ही बाबा भक्त कैंची धाम पहुंच गए। सुबह साढ़े पांच बजे मंदिर का मुख्य द्वार खुलने के साथ ही श्रद्धालुओं ने बाबा नीम करौरी के जयकारों के साथ बाबा के दर पर मत्था टेका। सुबह से शाम तक मंदिर के मुख्य द्वार पर दोनों ओर करीब तीन किमी लंबी कतार लगी रही। तपति धूप भी आस्था को डिगा न सकी।

कैंची धाम के सत्तर वें स्थापना दिवस पर बाबा भक्तों का हुजूम उमड़ा। देश के कोने कोने से बाबा भक्त कैंची धाम पहुंचे। सुबह से बाबा भक्तों के कैंची धाम पहुंचने का सिलसिला शुरु हुआ। दिन चढ़ने के साथ श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच गई। शहरी क्षेत्रों के साथ ही सूदूर गांवों से भी श्रद्धालु अपने प्रिय बाबा के दर पर पहुंचने को आतुर रहे।

हाइवे पर मंदिर के मुख्य द्वार के दोनों ओर लगी लंबी लाइन में बाबा भक्तों ने कतारबद्ध होकर बाबा के दर पर शीश झुकाया। तेज धूप में भी श्रद्धालु बाबा के जयकारों के साथ लाइन में खड़े रहे। पुलिस, प्रशासन, मंदिर प्रबंधन समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी मुस्तैदी से ड्यूटी में डटे रहे।

बाबा के देश के साथ ही विदेशों में भी लाखों अनुयाई हैं। स्वीटजरलैंड के ज्यूरिख शहर निवासी साबरी ने भी स्थापना दिवस पर बाबा के दर पर मत्था टेका। बेहद खुश नजर आ रहे साबरी ने खास बातचीत में कहा की अमेरिका में स्थित रामदास आश्रम में पहुंचकर बाबा नीम करौरी के बारे में पता चला। बाबा को याद किया और कैंची धाम पहुंचने का कार्यक्रम तय हो गया।

पेशे से रियल स्टेट कारोबारी साबरी सप्ताहभर पूर्व कैंची धाम पहुंचे। बताया की यहां पहुंचकर काफि शांति मिली। विशेष ऊर्जा का संचार हुआ है। शाबरी कहते हैं की काकड़ीघाट स्थित नीम करौरी आश्रम में भी ध्यान लगाया। कहते हैं की स्थापना दिवस पर कैंची धाम पहुंचना उनका सौभाग्य है। अब जल्द ही परिवार के साथ कैंची धाम पहुंचने की भी बात कही।

वनाग्नि की घटनाओं को टालने के लिए इस वर्ष मेला परिसर के आसपास एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम भी मुस्तैद रही एनडीआरएफ के 21 जवान व करीब दस से ज्यादा एसडीआरएफ के जवान भी सुबह से शाम तक व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। सैकड़ों पुलिसकर्मी व होमगार्ड तथा पीआरडी जवान भी चप्पे चप्पे पर तैनात रहे।

मंदिर परिसर के मुख्य गेट के सामने स्थापित कंट्रोल रुम में बनाए गए स्वास्थ्य केंद्र में सैकड़ों लोगों का प्राथमिक उपचार किया गया। निशुल्क दवाइयां वितरीत की गई। दो आपातकालीन 108 सेवा व सीएचसी गरमपानी की एंबुलेंस से बीपी, रिहाइड्रेशन से संबंधित मरीजों को स्वास्थ्य शिविर तक पहुंचाया गया। कंट्रोल रुम में बने पुलिस के खोया-पाया केंद्र में भी मेले में बिछुडे लोगों को उनके स्वजनों से मिलाने में मदद की गई।

निजी पार्किंग में लगी दुकानों से मेले में पहुंचे श्रद्धालुओं ने खूब खरीदारी की। खासकर सुहागिन महिलाओं ने हाथरस (उतर प्रदेश) के सिंदूर की खूब खरीद की। हाथरस से सिंदूर लेकर पहुंचे शक्ति वीर के अनुसार सिंदूर की खूब बिक्री होने से ठिकठाक मुनाफा हुआ।

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे जंगल में बीते दिनों धधकी आग के मद्देनजर वन विभाग की टीम भी हाइवे व आसपास मुस्तैद रही। वनकर्मियों की एक टीम पनी राम ढाबे से मंदिर परिसर तक जंगल की निगरानी करते रहे जबकि दूसरी टीम मंदिर परिसर से निगलाट क्षेत्र तक कांबिंग में जुटी रही। आवाजाही कर रहे लोगों को वनों को आग से बचाने की अपील भी की गई।

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