यरुशलम। इजरायली सेना ने शुक्रवार को दक्षिणी गाजा के सबसे बड़े शहर खान यूनिस के अल-अमल अस्पताल पर ड्रोन से फायरिंग की। इजरायली हमलों से बचने के लिए इस अस्पताल में दसियों हजार लोग शरण लिए हुए हैं। इजरायली हमलों में कई लोगों के मारे जाने और घायल होने की सूचना है। गाजा के कई अन्य इलाकों में भी इजरायली हमलों और लड़ाई होने की जानकारी मिली है।
इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फलस्तीनियों के स्वतंत्र राष्ट्र के गठन का अमेरिका का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। खान यूनिस के ही नासेर अस्पताल के नजदीक इजरायली टैंकों ने गोलाबारी की है। इस इलाके में इजरायली सैनिकों और हमास के लड़ाकों के बीच लड़ाई चल रही है।
इजरायली सेना का आरोप है कि लड़ाके नासेर अस्पताल के भीतर से हमले कर रहे हैं। गाजा पट्टी के इस दूसरे सबसे बड़े शहर पर नियंत्रण के लिए इजरायली सेना ने पिछले कई हफ्तों से लड़ाई छेड़ रखी है लेकिन उसे अभी तक अपने मकसद में कामयाबी नहीं मिली है। शहर पर इजरायली सेना युद्ध की शुरुआत से ही लगातार बमबारी कर रही है लेकिन यहां पर हमास का प्रतिरोध शांत नहीं हो रहा है।
इसी प्रकार से उत्तरी गाजा में गाजा सिटी के एक आवासीय भवन पर इजरायली हमले में 12 लोग मारे गए हैं। बीते 24 घंटों में इजरायली हमलों में हमास के 142 लड़ाके और अन्य लोग मारे गए हैं। जबकि युद्ध में मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर करीब 25 हजार हो गई है। मृतकों में दो तिहाई संख्या बच्चों और महिलाओं की है।
इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अमेरिका के दो राष्ट्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस प्रस्ताव के अनुसार फलस्तीनियों के लिए अलग राष्ट्र का गठन होना है। अमेरिका का कहना है कि इसके बगैर क्षेत्र में स्थायी शांति संभव नहीं है। नेतन्याहू ने कहा कि यह प्रस्ताव तर्कसंगत नहीं है। इजरायल जार्डन नदी के पश्चिमी तट (वेस्ट बैंक) की सुरक्षा को हमेशा अपने नियंत्रण में रखेगा। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि यहां पर संप्रभुता की लड़ाई है।
इजरायल की वार कैबिनेट के सदस्य मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख गादी ईसनकोट ने युद्धविराम के बगैर बंधकों की रिहाई को असंभव बताया है। कहा कि हमास अपने पुनर्गठन के लिए युद्धविराम का मौका चाहता है, इसीलिए बंधकों की रिहाई के लिए हो रही वार्ता में वह गाजा में स्थायी युद्धविराम पर जोर दे रहा है।
हमास और इस्लामिक जिहाद ने करीब 130 इजरायली नागरिक बंधक बना रखे हैं। इन्हें वे सात अक्टूबर को इजरायली शहरों से अपहृत कर लाए थे। विदित हो कि गादी का बेटा और भांजा इजरायली सेना की ओर से लड़ते हुए कुछ हफ्ते पहले ही गाजा में मारे गए थे।