यरुशलम: बीते रविवार को बशर अल-असद शासन के पतन के बाद जब इजरायली सेना ने अल्फा लाइन को पार करते हुए सीरिया के हिस्से वाले बफर जोन और माउंट हरमोन पर कब्जा कर लिया था। इजरायल ने उस समय इसे अस्थायी उपाय कहा था, लेकिन ऐसा लगता है कि इजरायली सेना सीरिया में लंबे समय तक बने रहने की योजना बना रही है। इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने सेना को आने वाले सर्दियों के महीने के दौरान सीरियाई हिस्से में माउंट हरमोन की चोटी पर बने रहने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है।
काट्ज ने यह घोषणा ऐसे समय में की है, जब सीरिया में विद्रोही गुटों का समर्थन करने वाले तुर्की और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने मुलाकात की है। इस दौरान सीरिया में असद के पतन के बाद इस्लामिक स्टेट को फिर से उभरने से रोकने को लेकर चर्चा हुई है। इस बीच असद के सत्ता से हटने के बाद पहली जुम्मे की नमाज हुई। दमिश्क की ऐतिहासिस उमय्यद मस्जिद में विद्रोही नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने सीरियाई लोगों से जीत की खुशी मनाने के लिए सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है।
इजरायल ने रविवार को सीरियाई विद्रोहियों के हाथों राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटाए जाने के कुछ ही घंटो बाद गोलान हाइट्स के बफर जोन पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से इजरायली सेना ने सीरिया के अंदर सैन्य ठिकानों और हथियार भंडारों पर 350 से ज्यादा हवाई हमले किए हैं। इसमें रासायनिक हथियार भंडार से लेकर हवाई सुरक्षा और नौसेना तक सब कुछ निशाना बनाया गया है।
इजरायल ने कहा है कि वह ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि विनाश के हथियारों को विद्रोहियों के हाथों में पड़ने से रोका जा सके। बफर जोन में सैनिकों को तैनात करने की योजना ऐसे समय में आई है, जब इजरायली सेनाएं महीनों तक हिजबुल्लाह से लड़ने के बाद दक्षिणी लेबनान से वापस लौट रही हैं। वहीं, गाजा में हमास के आतंकवादियों के साथ अभी भी युद्ध जारी है।