नई दिल्ली : दुनियाभर की कंपनियां चीन+1 रणनीति (China+1 Strategy) पर काम कर रही हैं। उनकी इस चीन+1 पॉलिसी में भारत टॉप पर नजर आ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है भारत में मैन्यूफैक्चरिंग लागत का सबसे कम (Cheapest Manufacturing Costs) होना। सबसे सस्ती मैन्यूफैक्चरिंग के मामले में भारत दुनिया में नंबर वन है। वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स ने एक्स पर एक लिस्ट जारी की है। यह दुनिया में सबसे कम मैन्यूफैक्चरिंग लागत वाले 50 देशों की लिस्ट है। इस लिस्ट में भारत टॉप पर है। बांग्लादेश, इंडोनेशिया, कंबोडिया, मलेशिया और श्रीलंका जैसे देश भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
भारत में मैन्यूफैक्चरिंग लागत सबसे कम है। दुनिया में सबसे सस्ती मैन्यूफैक्चरिंग वाले देशों की लिस्ट में यह टॉप पर है। भारत के बाद दूसरे नंबर पर चीन है। चीन को दुनिया की फैक्ट्री भी कहा जाता है। हालांकि, अब वैश्विक कंपनियां चीन से अपनी फैक्ट्रीज को दूसरे देशों में ले जा रही हैं। सबसे सस्ती मैन्यूफैक्चरिंग वाले देशों की लिस्ट में तीसरे स्थान पर वियतनाम है। यही कारण है कि कंपनियों की चीन+1 पॉलिसी का फायदा उठाने के लिए भारत और वियतनाम के बीच अच्छा कंपटीशन है।
इस लिस्ट में चौथा स्थान थाइलैंड का है। पांचवें स्थान पर फिलिपिंस, छठे पर बांग्लादेश, सातवें पर इंडोनेशिया, आठवें पर कंबोडिया, नौवें पर मलेशिया और दसवें पर श्रीलंका है। इस लिस्ट में इसके बाद घाना, केन्या, मेक्सिको, उजबेकिस्तान, कोलंबिया, साउथ अफ्रिका, कजाकिस्तान, तुनिसिया, चिली, अल्जीरिया, तुर्की और उरुग्वे का स्थान है। दुनिया में सबसे सस्ती मैन्यूफैक्चरिंग वाले देशों में इसके बाद पनामा, सिंगापुर, ब्राजील, मिस्र, दक्षिण कोरिया, ईरान, लिथुआनिया, सर्बिया और बेलारूस का स्थान है।