नई दिल्लीः हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजराइल के एयर डिफेंस बेस को निशाना बनाया. ईरान समर्थित लेबनानी आतंकी ग्रुप ने शनिवार (14 सितंबर) को 1307 ड्रोन्स और रॉकेट्स के साथ हमला किया. हिजबुल्लाह ने मात्र 12 घंटों के भीतर इजरायली सैन्य ठिकानों पर दो हमले किए हैं. आतंकी ग्रुप ने इजरायली सैनिकों और अधिकारियों पर सीधे हमले का दावा किया है.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, हिजबुल्ला ने ये कदम बढ़ते तनाव के बीच उठाया, क्योंकि इजरायली हवाई हमलों ने पहले लेबनान में घरों को निशाना बनाया था, जिसमें व्यापक क्षति हुई. टेररिस्ट ग्रुप ने दावा किया कि सभी ड्रोन्स इजरायली टारगेट पर गिरे, जबकि इजरायली सेना ने कहा कि आयरन डोम के जरिए ज्यादातर हमलों को हवा में ही खत्म कर दिया.
इजरायल का कहना है कि जिन ड्रोन्स और रॉकेट्स ने हमला किया था पहले तो उन्हें आयरन डोम के जरिए खत्म कर दिया गया या फिर वो खुले इलाके में जमीन पर गिरे. दरअसल, हिजबुल्ला ने इजरायल को धमकी दी थी कि अगर उसने गाजा पट्टी में हमले जारी रखे तो उसकी तरफ से ज्यादा खतरनाक हमले किए जाएंगे.
एक बयान में, लेबनानी समूह ने कहा कि उसके लड़ाकों ने इजराइल के उत्तरी क्षेत्र के कमांड के तहत मुख्य वायु रक्षा बेस पर कई कत्युशा रॉकेट दागे, जो सीधे बिरया बैरक पर गिरे और उसके कुछ हिस्सों में आग लग गई. हिजबुल्लाह ने आमियाद इलाके में इजरायल के मिलिट्री बेस पर भी हमला किया. इस हमले में हिजबुल्लाह ने कात्युशा रॉकेट का भी इस्तेमाल किया. इन रॉकेट्स का इस्तेमाल वर्ल्ड वार के समय हो रहा है.
सूचना इंटरनेशनल के मुताबिक, 8 अक्टूबर, 2023 से 13 सितंबर, 2024 की सुबह तक दक्षिणी मोर्चे पर टकरावों में मरने वालों की संख्या 626 थी. इनमें 431 हिजबुल्लाह सदस्य और 97 नागरिक शामिल हैं. कुल 2,050 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, 1,800 घर आंशिक रूप से नष्ट हो गए हैं, और लगभग 8,000 घरों को मामूली क्षति हुई है, जबकि 110,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से कई अपनी आजीविका खो चुके हैं.