7 जिलों में भारी बारिश

देहरादून. उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के कुछ जिलों में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश देखने के लिए मिल रही है. मंगलवार को नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, ऊधम सिंह नगर और बागेश्वर के अधिकांश इलाकों में भारी बारिश हुई. आगे भी बारिश का दौर यूं ही जारी रहने वाला है. बुधवार के मौसम की बात करें, तो मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड के 7 जिलों में भारी वर्षा का अनुमान जताया गया है.

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की ओर से मौसम का पूर्वानुमान जारी किया गया जिसके मुताबिक, प्रदेश के 6 जिलों में जमकर बारिश देखी जा सकती है. मौसम विभाग ने कुमाऊं मंडल के नैनीताल, चंपावत, ऊधम सिंह नगर, पिथौरागढ़ और बागेश्वर और गढ़वाल मंडल के देहरादून और पौड़ी गढ़वाल जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना जताई है.

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अनुसार, बुधवार को इन 7 जिलों में भारी वर्षा का अनुमान है. वहीं राज्य के अन्य जिलों में गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि पर्वतीय जिलों में जाने से पहले मौसम का हाल जरूर जान लें. बारिश के मौसम में पहाड़ों में भूस्खलन का खतरा बना रहता है, लिहाजा सावधानीपूर्वक यात्रा करें.

गौरतलब है कि उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में इस बार बारिश से थोड़ी राहत है लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश स्थानीय लोगों के बीच दहशत पैदा कर रही है. चमोली जनपद में भारी बारिश आफत बनकर बरस रही है. जिले के पगनों गांव में तेज बारिश से ऊपर पहाड़ से मिट्टी और मलबा लोगों के घरों में घुस गया.

इसी के साथ यहां लोगों की फसलें भी पूरी तरह से खराब हो गईं. यहां अब तक भूस्खलन की कई घटनाएं हो चुकी हैं. पिछले साल भी भूस्खलन की जद में आकर 11 घर जमींदोज हो गए थे. जब-जब यहां तेज बारिश होती है, ग्रामीणों के दिलों में दहशत बन जाती है. वहीं हल्द्वानी के तपोवन के पास भारी बारिश ने सोमवार रात जमकर तबाही मचाई.

देवखड़ी नाला एक जगह पर टूटने से कृष्णा विहार, देवकी विहार और गायत्री कॉलोनी के 70 घरों में मलबा घुस गया. लोगों के घरों में बड़े-बड़े पत्थर घुस गए. दो बसें आधी मलबे में दब गईं, वहीं 15 कारें बह गईं. पांच लोगों ने बामुश्किल जान बचाई. बताया जा रहा है कि घरों में पानी घुसने से 50 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. मंगलवार को प्रशासन की कई टीमें मुआयना करने पहुंचीं.

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