नई दिल्लीः हमास ने 30 जनवरी (गुरुवार) को रिहा किए जाने वाले गाजा बंधकों की तीसरी लिस्ट इजरायल को सौंप दी है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से इस लिस्ट को लेकर जानकारी दी गई है. इससे पहले हमास ने इजरायल पर गाजा में आवश्यक मानवीय सहायता पहुंचाने में देरी करने का आरोप लगाया. समूह ने चेतावनी दी कि यह बंधकों की रिहाई प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है.
इससे पहले गाजा पट्टी में बंधकों की रिहाई के लिए युद्धविराम लागू होने के बाद तीन इजरायली बंधक – रोमी गोनन, एमिली डामारी और डोरोन स्टीनब्रेखर को हमास ने रिहा कर दिया था. बंधकों की रिहाई के बाद एक बयान में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था, “आज गाजा में बंदूकें शांत हो गई हैं.”
तीन इजरायली बंधकों की रिहाई के बदले 90 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने की योजना बनाई गई है. इनमें 69 महिलाएं शामिल हैं. सबसे कम उम्र का कैदी 15 वर्षीय महमूद अलीवत है. 62 वर्षीय खालिदा जार्रार, जो पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन (PFLP) की वरिष्ठ सदस्य हैं, उन्हें भी रिहा किया जाएगा. जार्रार को इजरायल की राजनीतिक विरोध कार्रवाई के तहत कई बार गिरफ्तार किया गया था.
गाजा में युद्धविराम लागू होने के बाद उत्तरी हिस्से में लौट रहे लोगों के लिए अपने ही शहर को पहचानना मुश्किल हो गया है. जहां कभी उनके घर, बाजार और सार्वजनिक जगह हुआ करते थे, अब वहां केवल मलबे के ढेर बचे हैं. लौटने वाले नागरिक अपने घरों का जगह नहीं पहचान पा रहे हैं, क्योंकि भवन पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं, सड़कें तबाह हो चुकी हैं और बुनियादी ढांचा बर्बाद हो चुका है.
गाजा का यह विनाश यहां के लोगों के लिए किसी भयानक आपदा से कम नहीं है. बता दें कि वर्तमान में इजरायल और हमास 42-दिनों के पहले युद्धविराम चरण को लागू कर रहे हैं. इस समझौते के तहत, गुरुवार को तीन इजरायली बंधकों की रिहाई की उम्मीद है.