देहरादून: विभाग की आवासीय कॉलोनियों में सेवा समाप्ति के बाद भी कई कर्मचारी अवैध रूप से रह रहे हैं। इनके खिलाफ सार्वजनिक भू-गृहादि अप्राधिकृत अध्यासियों की बेदखली अधिनियम 1972 की धारा-5 की उपधारा-क के तहत बेदखली के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन वे आवास खाली कराने के लिए तैयार नहीं हैं।
देहरादून की 14 सरकारी कॉलोनियों में कर्मचारियों के अवैध कब्जे हटाने में सरकार को ही बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। राज्य संपत्ति विभाग ने इस मामले में एसएसपी को पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
इस बीच सचिवालय सहित विभिन्न विभागों के कार्यरत कर्मचारियों का सरकारी आवास पाने का इंतजार बढ़ता जा रहा है। दो महीने पहले तत्कालीन राज्य संपत्ति विभाग के विहित प्राधिकारी दिनेश प्रताप सिंह ने एसएसपी को पत्र भेजकर बताया था कि विभाग की आवासीय कॉलोनियों में सेवा समाप्ति के बाद भी कई कर्मचारी अवैध रूप से रह रहे हैं।
इन सभी के खिलाफ सार्वजनिक भू-गृहादि अप्राधिकृत अध्यासियों की बेदखली अधिनियम 1972 के तहत बेदखली के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन वे आवास खाली करने को तैयार नहीं हैं। अधिकारियों का कहना है कि पुलिस बल की मदद से ही उन्हें बाहर निकाला जा सकता है, लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में सरकारी आवासों पर कब्जा कर रखा है। इनसे बाजार दर पर किराया वसूलने के साथ-साथ बलपूर्वक बाहर निकालने की प्रक्रिया चल रही है। विभिन्न विभागों के कार्यरत कर्मचारियों का इंतजार बढ़ता जा रहा है; सचिवालय के लगभग 70 कर्मचारी और अन्य विभागों के सैकड़ों कर्मचारी सरकारी आवास के लिए कतार में हैं।
अवैध कब्जे वाली सरकारी काॅलोनियों की सूची
1. हरिवास कॉलोनी, रेसकोर्स
2. लोहियापुरम त्यागी रोड एमडीडीए कॉलोनी
3. रिस्पनापुरम आवासीय कॉलोनी
4. टिहरी हाउस, राजपुर रोड
5. नवीन कॉलोनी केदारपुरम
6. बन्नू कॉलोनी, रेसकोर्स
7. विधानसभा आवासीय कॉलोनी
8. यमुना कॉलोनी, आवासीय कॉलोनी
9. पर्यटन कॉलोनी, निकट श्री महंत इंदिरेश अस्पताल
10. मिलन विहार, जीएमएस रोड
11. नेहरूपुरम कांवली रोड
12. पुरानी कॉलोनी, केदारपुरम
13. रेसकोर्स आवासीय कॉलोनी
14. रिस्पनापुल आवासीय कॉलोनी।