नई दिल्ली: पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में सचमुच कुछ नया हो रहा है। 10 साल में पहली बार नरेंद मोदी कर्मचारी नेताओं से मिलने वाले हैं। जी हां, सरकार की तरफ से यूनियन नेताओं (Unions) को इस बात का संदेशा आया है। यूनियन नेताओं को शनिवार, 24 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री के आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर मिलने के बारे में सूचित किया गया है। हालांकि इस खबर को लिखने तक यूनियन नेताओं को वक्त के बारे में कम्यूनिकेशन नहीं आया है।
राजनीति के पंडित सही ही कह रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए सरकार के तेवर बदले से नजर आ रहे हैं। तभी तो पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार में कर्मचारी नेताओं संग बैठक करेंगे। केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के जेसीए सेक्शन से नेशनल काउंसिल (स्टाफ साइड) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा को बीते दिनों एक चिट्ठी मिली है। इसी में पीएम के साथ बैठक की बात की गई है। इससे पहले, पीएम मोदी के दो कार्यकाल के दौरान इन नेताओं को कभी सीधे प्रधानमंत्री से इस बारे में बैठक करने का अवसर नहीं मिला है।
यूनियन नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी के साथ होने वाली इस बैठक में हर मसले पर चर्चा होगी। मतलब कि 8वां वेतन आयोग, ओल्ड पेंशन स्कीम की वापसी आदि पर कुछ न कुछ क्लियर हो जाने की आशा है। बताया जाता है कि इस बैठक में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बहाल करने पर सबसे ज्यादा जोर रहेगा।
पीएम के बुलावे पर मिश्रा ने पत्रकारों को बताया कि स्टाफ प्रतिनिधियों ने पीएम मोदी से मुलाकात की मांग की थी। उन्होंने कहा, ”हम कई मुद्दों पर सरकार के संपर्क में हैं। हम अपने मुद्दों पर प्रधान मंत्री से भी मिलना चाहते थे। ” मिश्रा ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना (Pensions) की बहाली एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो अभी तक हल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ”हम इसे प्रधानमंत्री के समक्ष भी उठाएंगे।”
केंद्रीय बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘एनपीएस’ सुधार की बात कही थी। हालांकि उसमें उन्होंने ‘पुरानी पेंशन’ का जिक्र तक नहीं किया है। उसके बाद संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया था कि कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली का कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है। इसके बाद कर्मचारी निराश हो गए थे। अब दो राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी, 24 अगस्त को स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (JCM) के प्रतिनिधियों से बातचीत से क्या हल निकलता है, यह वक्त बताएगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार और केंद्रीय पीएसयू कर्मचारियों की यूनियनों ने पहले 1 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया था। हालांकि, सरकार के साथ चर्चा के बाद इसे टाल दिया गया था। वे पुरानी पेंशन योजना की बहाली और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और निगमीकरण को रोकने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी केंद्र से विभिन्न विभागों में मौजूदा पदों को भरने की भी मांग कर रहे हैं।