जर्मनी के नए चांसलर होंगे फ्रेडरिक मर्ज

जर्मनी :जर्मनी में रविवार (23 फरवरी) को हुए 2025 के राष्ट्रीय चुनाव में चांसलर ओलाफ स्कोल्ज की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD) को करारी हार का सामना करना पड़ा है. ताजा एग्जिट पोल के अनुसार विपक्षी नेता फ्रेडरिक मर्ज की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) और क्रिश्चियन सोशल यूनियन (CSU) की सहयोगी पार्टियां जीत की ओर अग्रसर हैं. यदि मर्ज की पार्टी जीतती है तो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहली बार होगा जब जर्मनी में कोई दक्षिणपंथी पार्टी सत्ता में लौटेगी.

नए सर्वेक्षणों से पता चलता है कि CDU और CSU की पार्टियां 29 प्रतिशत समर्थन के साथ आगे हैं. जबकि अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) को 21 प्रतिशत और चांसलर ओलाफ स्कोल्ज की पार्टी एसपीडी को मात्र 15 प्रतिशत समर्थन मिला है. हालांकि, 22 प्रतिशत उत्तरदाता अभी भी अनिश्चित बताए गए हैं, जिससे आखिरी रिजल्ट को लेकर संदेह बना हुआ है.

चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा, “यह हमारे लिए एक कड़वा चुनाव परिणाम है.” स्कोल्ज ने एग्जिट पोल के आधार पर अपनी पार्टी के लिए इस चुनावी हार को एक दर्दनाक नुकसान बताया. दूसरी ओर फ्रेडरिक मर्ज ने चुनाव में अपनी पार्टी की जीत का दावा किया और कहा कि उनकी पार्टी जल्द ही शासकीय गठबंधन बनाएगी.

फ्रेडरिक मर्ज ने कहा, “हमने इस बुंडेस्टैग चुनाव के लिए और सरकारी जिम्मेदारी संभालने के लिए खुद को बहुत अच्छी तरह से तैयार किया है.” उनका लक्ष्य जल्द से जल्द एक स्थिर शासकीय गठबंधन बनाने का है, ताकि जर्मनी में एक नई सरकार का गठन हो सके.

इस चुनाव में यूक्रेन युद्ध, अर्थव्यवस्था की चुनौतियां, ऊर्जा की ऊंची कीमतें, और अवैध प्रवास जैसे मुद्दे छाए रहे. इन मुद्दों ने मतदाताओं के फैसले को काफी प्रभावित किया है, जिससे विपक्षी पार्टियों को बढ़त मिली है. जर्मनी की इलेक्शन सिस्टम में मतदाता सीधे चांसलर का चुनाव नहीं करते हैं, बल्कि वे बुंडेस्टैग के सदस्यों के लिए वोट करते हैं, जो बाद में चांसलर का चयन करते हैं.

जर्मनी की इलेक्शन सिस्टम प्रत्यक्ष और आनुपातिक प्रतिनिधित्व का मेल है. मतदाता दो वोट डालते हैं: एक स्थानीय प्रतिनिधि के लिए और दूसरा किसी राजनीतिक दल के समर्थन में वोट डालता है. बुंडेस्टैग में कुल 630 सीटें होती हैं, जिनमें से 299 सीधे चुनी जाती हैं और शेष 331 सीटें आनुपातिक रूप से पार्टियों को बांटी जाती हैं. किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने पर गठबंधन सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है.

जर्मनी के 2025 चुनाव में चांसलर ओलाफ स्कोल्ज की पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा, जबकि फ्रेडरिक मर्ज की दक्षिणपंथी पार्टी सत्ता में वापसी की ओर अग्रसर है. यह चुनाव यूक्रेन युद्ध और अर्थव्यवस्था जैसे बड़े मुद्दों पर केंद्रित था, जिसने मतदाताओं को प्रभावित किया. अब देखना यह है कि जर्मनी में अगली सरकार कैसे गठित होती है और किन चुनौतियों का सामना करती है.

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