ईरान :ईरान ने अपने देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सहित 33 देशों के लिए टूरिस्ट वीजा की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. कहने का मतलब यह है कि यदि अब आप सैर-सपाटे के लिए ईरान जाना चाहते हैं तो आपको अंबेसी जाकर वीजा आवेदन की जरूरत नहीं होगी. इसके लिए सिर्फ फ्लाइट की टिकट लेकर आप ईरान में वीजा ऑन अराइवल का लाभ उठा सकते हैं.
यहां के परफेक्ट डेस्टिनेशन का दीदार आपको आपना दीवाना बना देगा. बता दें कि, श्रीलंका, थाईलैंड, मालदीव और मलेशिया के बाद अब ईरान ने यह कदम उठाया है. हालांकि, ईरान के कुछ अपने नियम हैं, जिनको फॉलो करके आप यहां की यात्रा को यादगार बना सकते हैं.
यज्द: ईरान में स्थित यज्द शहर परफेक्ट डेस्टिनेशन में से एक है. ईरान की असली खूबसूरती तो यज्द में ही बसी है. यही वजह है कि दुनियाभर से पर्यटक इसे देखने आते हैं. यज्द ईरान के इस्फहान शहर से करीब 270 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है.
वर्तमान में ये ईरान में 15 वां सबसे बड़ा शहर है. 2017 के बाद से, यज़्द के ऐतिहासिक शहर को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी गई है. यज्द के बीचोंबीच एक आमिर चखमक नाम का कॉम्प्लैक्स भी स्थित है. जिसकी खूबसूरती शाम होते-होते बढ़ जाती है.
देश की सबसे बड़ी मीनार: यज़्द की जमीह मस्जिद भी घूमने के लिहाज से बेहद शानदार है. इसका 14वीं सदी में एक जामा मस्जिद का निर्माण किया गया था. उसकी मीनार को देश की सबसे बड़ी मीनार के रूप में माना जाता है. इसकी खूबसूरती ईरानी इस्लामिक आर्किटेक्चर का एक खूबसूरत उदाहारण है.
प्राचीन खारानक गांव: शहर में बाग-ए-दौलत नामक एक दर्शनीय जगह भी मौजूद है. यहां 18वीं सदी में बनी इमारत पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है. यज्द शहर में खारानक नाम का एक गांव भी है. यह एक बहुत ही प्राचीन गांव है. लेकिन अब इसके केवल अवशेष ही बचे हैं. ईरान के इस ऐतिहासिक रेगिस्तानी शहर में घूमने के लिए बहुत सी प्राचीन जगह हैं. ईरान की यात्रा करने वालों को इस खूबसूरत रेगिस्तानी शहर की यात्रा जरूर करनी चाहिए.
पर्सेपोलिस: शहर पर्सेपोलिस आधुनिक इरान के फार्स प्रान्त के शहर शिराज़ के 70 किमी पूर्वोत्तर में स्थित है. यह अपनी खूबसूरती से पर्यटकों का मन मोह लेता है. बता दें कि, पर्सेपोलिस, एक ग्रीक उपनाम जिसका अर्थ है ‘फारसियों का शहर’, फारसियों को पारसा के नाम से जाना जाता था और यह प्राचीन दुनिया का एक महत्वपूर्ण शहर था, जो अपनी स्मारकीय कला और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध था. इस स्थल की खुदाई 1931 और 1939 के बीच जर्मन पुरातत्वविदों अर्न्स्ट हर्ज़फेल्ड, फ्रेडरिक क्रेफ्टर और एरिच श्मिट द्वारा की गई थी.
नक्श-ए जहां स्क्वेयर: दुनिया में सबसे बड़े सिटी स्क्वेयर्स में से एक है, नक्श-ए जहां स्क्वेयर. ये 17वीं शताब्दी में बनी थी. ईरान में ये जगह इसफहान शहर में स्थित है. नक्श-ए जहां स्क्वेयर में बनी इमाम मस्जिद (1979 की क्रांति के बाद इसका नाम बदला गया था). इसे डिजाइन वाली सुंदर टाइल्स से बहुत ही करीने से सजाया गया है. यूनेस्को ने इसे भी विश्व धरोहर का दर्जा दिया हुआ है.
गुलिस्तान पैलेस: राजधानी तेहरान में बने गुलिस्तान पैलेस में शाही इमारतें बनी हैं जिनमें बहुत सुंदर कारीगरी से सजावट की गई है. इसमें 19 वीं सदी में कजर वंश का आधिकारिक निवास था. ये इमारत भी यहां देखने लायक है. यही वजह है कि दुनियाभर से लोग इसकी सुंदरता का दीदार करने यहां आते हैं.
अर्ज-ए बाम किला: ईरान में स्थित अर्ज-ए बाम किला अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है. यहां दुनिया में सूखी हुई ईंट का सबसे पुराना निर्माण कार्य यहां देखने को मिलता है. अर्ज-ए बाम किला प्राचीन सिल्क रोड पूर्व-पश्चिम व्यापार मार्ग में स्थित था. 2003 में जब भूकंप आया था, उस वजह से यह किला क्षतिग्रस्त हो गया था. फिलहाल इसका पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है. ये भी देखने लायक ऐतिहासिक इमारत है.
आजादी टावर: आजादी टावर ईरान के केंद्र में स्थित है. इसे मूल रूप से ईरान के आखिरी शाह मोहम्मद रेजा पहलवी ने शाही राज्य की नींव के 2,500वें वर्ष की याद में बनवाया था. 1979 की क्रांति में मोहम्मद रजा के शासन से हटने के बाद इसका नाम बदल दिया गया. लोग यहां इस्लामिक गणतंत्र का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठे होते हैं. इसके अलावा किसी बड़े नेता की मौत या विरोध में भी यहां लाखों की संख्या में लोग जमा होते हैं. कासिम सुलेमानी की मौत के विरोध में यहां ऐसा ही नजारा देखने को मिला था.