चार बच्चों का कत्ल,खुद भी दी जान

बरेली: शाहजहांपुर के मानपुर चचरी गांव में हुई दिल दहलाने वाली घटना के बाद बाबा पृथ्वीराज का दर्द छलका है। बाबा ने थाने में तहरीर देकर मृत बेटे राजीव पर रिपोर्ट दर्ज कराई है।

शाहजहांपुर के रोजा थाना इलाके के मानपुर चचरी गांव में चार बच्चों की हत्या कर पिता राजीव के आत्महत्या की घटना के बाद शुक्रवार को भीड़ सिर्फ वारदात स्थल के बाहर ही दिखी। गलियां सन्नाटे में डूबी थीं। घटना का सबसे पहले मंजर देखने वाले राजीव के पिता पृथ्वीराज रातभर नहीं सोए।

सिसकते हुए बताया कि जब भी आंख मूंदता हूं तो केवल पोते-पोतियां और बेटा ही नजर आता है। बता दें कि पृथ्वीराज का सबसे बड़ा बेटा राजीव (36) अपनी पत्नी कौशल्या उर्फ क्रांति देवी, बेटी स्मृति (13), कीर्ति (9), प्रगति (सात) और बेटे ऋषभ(पांच) के साथ रहता था।

राजीव ने बुधवार दोपहर पत्नी कौशल्या को पीटकर घर से भगा दिया था। इसके बाद उसने रात एक से दो बजे के बीच चारों बच्चों के गले पर गड़ासे से वार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। खुद भी फंदे से लटककर जान दे दी थी। शुक्रवार सुबह घर के बाहर पाकड़ के पेड़ के नीचे बैठे पृथ्वीराज गांव के लोगों से अपना दर्द बयां कर रहे थे।

कहा कि सुबह ऐसा लगा कि पोते ऋषभ ने उन्हें आवाज दी। कमरे में गया तो वहां कोई नहीं था। सिसकते हुए पृथ्वीराज का दर्द सुनकर ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। उनके लिए कोई चाय लेकर आया तो कोई बिस्कुट, लेकिन गमजदा पृथ्वीराज ने कुछ नहीं खाया। इस बीच पृथ्वीराज के बहन बहनोई आ गए। रोते हुए पृथ्वीराज को संभालने का प्रयास किया।

इधर, पृथ्वीराज ने अपने बेटे राजीव पर पोते-पोतियों की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इंस्पेक्टर राजीव सिंह ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज की ली गई है। मामले की जांच की जा रही है। अन्य कारणों का भी पता लगाया जाएगा। देखा जाएगा कि किसी ने उसे प्रताड़ित तो नहीं किया था। सभी पहलुओं की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

राजीव की बहन स्नेहलता जिला हरदोई के गोकुल बेहटा के सरोवर नगर में रहती हैं। परिजनों के अनुसार, गर्भवती होने के चलते वह नहीं आ पाईं। पृथ्वीराज ने बेटे राजन को बेटी को देखने के लिए भेज दिया।पृथ्वीराज का दूसरे नंबर का बेटा संजीव भी बाहर काम करता है, लेकिन कुछ दिन पूर्व ही वह घर आया था। भाई-भतीजों की मौत से संजीव गुमसुम हो गया। ग्रामीणों ने संजीव को संभाला।

पृथ्वीराज ने बताया कि पालतू कुत्ता राजीव के साथ रहता था। राजीव की मौत के बाद से कुत्ता एक बार भी कमरे में नहीं गया और न ही उसने कुछ खाया। जानवर तक भूखे हैं। इसी दौरान गांव के कुछ लोग बकरियों के लिए खेत से बरसीम काटकर लाए। काफी देर बरसीम उनके सामने पड़ी रही, फिर बाद में खाई।

शाहजहांपुर के रोजा थाना इलाके के मानपुर चचरी गांव में बुधवार देर रात पिता ने अपने चार मासूम बच्चों की गला रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद भी फंदे से लटककर जान दे दी। वारदात से पहले दिन में ही उसने पत्नी को पीटकर घर से भगा दिया था।

राजीव (36), पत्नी कौशल्या उर्फ क्रांति देवी, बेटी स्मृति (13), कीर्ति (9), प्रगति (7) और बेटे ऋषभ (5) के साथ चचरी गांव में रहता था। थोड़ी दूरी पर झोपड़ी डालकर रहने वाले राजीव के पिता पृथ्वीराज ने बताया कि बुधवार दोपहर उसने क्रांति को पीटकर घर से भगा दिया था। वह अपने मायके बरेली जिले के फतेहगंज पूर्वी थाना क्षेत्र के गांव करतौली चली गई थी।

पृथ्वीराज के मुताबिक, रात में चारों बच्चों के साथ राजीव घर में सोया था। बृहस्पतिवार सुबह सात बजे उन्होंने पौत्र को चाय पीने के लिए बुलाया। काफी देर बाद भी कोई जवाब नहीं मिला तो वह बाहर बने शौचालय से चढ़कर घर में दाखिल हुए। अंदर एक चारपाई पर स्मृति, दूसरी पर ऋषभ, तीसरी पर कीर्ति और प्रगति के लहूलुहान शव पड़े थे।

चारों के गले बड़े चाकू से रेते गए थे। अंदर कमरे में कुंडे से राजीव का शव लटक रहा था।पिता ने बताया कि एक साल पहले हादसे में राजीव के सिर पर चोट आई थी। तब से उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई थी। उसका बरेली से इलाज चल रहा था। दवाओं का असर खत्म होते ही वह उल्टी-सीधी हरकतें करने लगता था।

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