रियाद: सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात का इलाका अपने लंबे रेगिस्तान और साल के अधिकांश समय पड़ने वाली चिलचिलाती गर्मी के लिए जाना जाता है। लेकिन यह क्षेत्र इस समय मौसम के एक नाटकीय बदलाव से जूझ रहा है। आश्चर्यजनक रूप से अरब देशों के कुछ हिस्से भारी बारिश के बाद भीषण बाढ़ से जूझ रहे हैं।
सऊदी अरब की राजधानी रियाद में इतना पानी बरसा कि बाढ़ के चलते कारें तक बह गईं, तो मदीना भी हर तरफ पानी-पानी हो गया। वहीं, अभूतपूर्व बारिश के चलते यूएई के दुबई में एयरपोर्ट पर बंदरगाह का नजारा दिख गया। शहर में सड़कों पर पानी में कारें डूबतीं नजर आईं। इसने न सिर्फ यहां के निवासियों बल्कि पर्यावरण पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों को भी हैरान कर दिया है।
बारिश ने इन अरब प्रायद्वीप के देशों की मौसम संबंधी अदूरदर्शिता की भी पोल खोलकर रख दी है। बारिश के बाद आई बाढ़ ने रियाद और दुबई जैसे शहरों में सब कुछ रोककर रख दिया। सऊदी अरब और यूएई में साल भर में बहुत कम बारिश होती है, लेकिन अचानक कुछ घंटों में डेढ़ साल के बराबर पानी बरस गया। इन देशों ने खुद को ऐसी स्थिति से जूझते हुए पाया जिसके लिए वह संरचना के स्तर के साथ ही सामाजिक और मौलिक रूप से भी तैयार नहीं थे।
आईआईटी मुंबई में अर्थ सिस्टम, वायुमंडलीय और महासागरीय विज्ञान विभाग के पूर्व फैकल्टी डॉ. रघु मुर्तुगुड्ड ने इंडिया टुडे से बताया, मानसून के मौसम के करीब पहुंचते ही अरब सागर, प्रायद्वीपीय भारत और बंगाल की खाड़ी के ऊपरी वायुमंडल में हवाएं चलने लगती हैं। पूर्व से पश्चिम की ओर चलने वाली इन हवाओं को भारतीय पूर्वी जेट कहा जाता है। पश्चिम से पूर्व की ओर चलने वाली हवाएं पश्चिमी जेट कही जाती हैं।
उन्होंने बताया कि पूर्वी और पश्चिमी जेट मिलकर मार्च के मध्य से सतह के पास लगातार एंटी क्लॉकवाइज हवाएं पैदा कर रहे हैं, जिन्हें एंटी-साइक्लोन कहा जाता है। इसके केंद्र में नीचे की ओर आने वाली हवाएं होती हैं जो इसे गर्म करती हैं और भारत के कुछ हिस्सों में हीटवेव पैदा करती हैं।
एक्सपर्ट का अनुमान है कि अरब क्षेत्र में हाल में हुई भारी बारिश की वजह भूमध्य सागर से आने वाले पश्चिमी विक्षोभ और एंटी साइक्लोन भी हो सकते हैं। दुबई में बाढ़ के लिए यही प्रमुख वजह था। डॉक्टर मुर्तुगुड्डे ने बताया, हाल ही में भूमध्य सागर से एक पश्चिमी विक्षोभ एंटी साइक्लोन में चला गया जो दुबई में विनाशकाली बाढ़ की वजह बना था।
अब इस एंटी साइक्लोन ने गर्म अरब सागर से नमी को संयुक्त अरब अमीरात में पंप किया है, जो सऊदी अरब के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा करेगा। इसमें अल नीनो भी भूमिका निभा रहा है। इससे पैदा गर्मी ने जेट को सुपरचार्ज कर दिया है और उच्च नमी पैदा की है, जिसके चलते बारिश हुई।