ड्रग्स की काली कमाई से बनवाई फिल्में!

नई दिल्ली. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट केस में बड़ी सफलता हाथ लगी है. एजेंसी ने इस ड्रग्स सिंडिकेट के सरगना और तमिल फिल्मों के प्रोड्यूसर जाफर सादिक को गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि इसने करीब 2 हजार करोड़ रुपये के ड्रग्स ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और मलेशिया भेजे हैं. सादिक पेशे से फिल्म प्रोड्यूसर है और पुलिस को शक है कि कहीं ड्रग्स की काली कमाई को छिपाने के लिए तो उसने फिल्म बनाने का रास्ता तो नहीं चुना.

पिछले दिनों नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करों के एक ऐसे सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था, जिनका नेटवर्क भारत के बाहर न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया तक फैला हुआ था. एनसीबी के मुताबिक, यह सिंडिकेट अब तक 45 बार बाहर ड्रग्स भेज चुका है. एनसीबी की जांच में पता चला कि इनकी जड़ें बेहद गहरी हैं और इस सिंडिकेट का सरगना तमिल फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा है.

अब एनसीबी ये पता लगा रही है कि कहीं ड्रग्स की काली कमाई को सफेद करने के लिए वह फिल्में बना रहा था या फिर इसके पीछे कोई और मंशा थी. एनसीबी के मुताबिक, इस सिंडिकेट के सरगना के पकड़े जाने के बाद अब उससे स्यूडोएफ़ेड्रिन का सोर्स पता लगाया जाएगा.

दरअसल इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ तब हुआ, जब न्यूजीलैंड अथॉरिटी ने इंडियन एजेंसी से संपर्क करके बताया कि नारियल के बुरादे में छिपाकर स्यूडोफेड्रिन भेजी गई है. इस जानकारी के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो हरकत में आ गया. उन्होंने जानकारी जुटाने के लिए जगह-जगह रेड मारी.

इस दौरान पुलिस को पता लगा कि दरअसल यह पूरा नेटवर्क हिंदुस्तान के कई इलाकों से चलाया जा रहा है, लेकिन इसका एक मॉड्यूल राजधानी दिल्ली में भी बसई दारापुर में काम कर रहा है. यह जानकारी मिलने के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने दिल्ली पुलिस को साथ लिया और बसई दारापुर में रेड कर दी और वहां से तीन लोगों को गिरफ्तार किया.

एनसीबी लगभग 4 महीने की जांच के बाद इस ठिकाने तक पहुंच सकी थी. वहां पहुंच कर पता चला कि ये सिंडिकेट ऑस्ट्रेलिया में एक और खेप भेजने की कोशिश कर रहा था. उस वक्त आरोपी स्यूडोएफ़ेड्रिन को मल्टीग्रेन मिक्सचर की एक कवर खेप में पैक करने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान 50 किलो स्यूडोएफ़ेड्रिन की बरामदगी हुई.

एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर (जनरल ऑपरेशन) ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबिक ये लोग हेल्थ फूड पाउडर, सूखा नारियल जैसे खाद्य पदार्थों की आड़ में हवाई और समुद्री कार्गो के जरिये ड्रग्स की तस्करी कर रहे थे. अब एनसीबी इस पूरे इंटरनेशनल सिंडिकेट को ध्वस्त करने के लिए न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलियाई के एजेंसी के संपर्क में है.

स्यूडोएफ़ेड्रिन से आसानी से मेथामफेटामाइन बनाया जा सकता है, इस वजह से ये स्यूडोएफ़ेड्रिन की तस्करी करते थे. मेथामफेटामाइन दुनिया भर में सबसे ज्यादा डिमांड वाला नशीला पदार्थ है. जानकारी के मुताबिक, ये ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में लगभग 1.5 करोड़ रुपये प्रति किलो में बिकता है.

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